धान फसल में पहली यूरिया खाद कब और कितना डालें, किसान अपनी फसल में अपनाए ये तरीका, जानें पूरी डिटेल
हमारे देश में दक्षिण पश्चिम मानसून अब लगभग तकरीबन हर क्षेत्र में पहुंच चुका है। और पहली बारिश के साथ ही किसानों के द्वारा धान की फसल की रोपाई का कार्य भी तेजी के साथ चल रहा है। धान की फसल में अच्छा उत्पादन लेने के लिए यूरिया एक महत्वपूर्ण नाइट्रोजन युक्त खाद जिसका किसान सही मात्रा और सही समय पर इस्तेमाल करने के चलते फसल में पौधों का विकास अच्छे से होता है। व्हाट्सएप ग्रुप में जुड़े 👉 यहां पर क्लिक करें
धान फसल में पहली यूरिया खाद कब
जिसकी वजह से पौधों का विकास भी तेजी से बढ़ेगा ऐसे में आप इस रिपोर्ट के माध्यम से धान की फसल में पहला यूरिया कब और कितना देना है आईए जानते हैं डिटेल के साथ…
धान फसल में यूरिया खाद का सही समय
धान की फसल में किसानों को यूरिया को तीन बार में विभाजित करने के साथ डालना चाहिए। यूरिया का प्रयोग पहली बार डालने का सबसे सही समय रोपाई करने के बाद 10 से 15 दिन का रहता है। क्योंकि इस समय के दौरान पौधों की जड़ मजबूत बन रही होती है और नई पत्तियां भी निकलना आरंभ हो जाता। वहीं धान की फसल में यूरिया देने के चलते वानस्पतिक वृद्धि में गति मिलती है। वहीं जिन किसानों के द्वारा अपने खेत में धान की फसल सीधी बुवाई के साथ यानी बगैर रोपाई के किया गया है। तो फिर पहली यूरिया 20 से 25 दिन के पश्चात डालना चाहिए।
यूरिया धान फसल में कितनी मात्रा डालें
किसानों को धान के अलावा किसी भी फसल में यूरिया का उपयोग करते समय सही मात्रा और सही समय का प्रयोग का पता होना चाहिए। ऐसे में किसान अपनी धान की फसल में यूरिया खाद की मात्रा मिट्टी में उर्वरता के साथ-साथ कौन सी किस्म लग रहे हैं इस पर भी निर्भर रहता है। वहीं किसानों को सही मात्रा जानने के लिए मिट्टी की जांच अवश्य करवानी चाहिए। परंतु धान के फसल में यूरिया खाद डालने का सामान्य उपयोग के लिए निम्नलिखित नीचे दिया गया
फसल का समय। यूरिया खाद प्रति एकड़
किसानों को धान की खेती में करीब 50 से लेकर 75 किलोग्राम प्रति एकड़ खाद की आवश्यकता रहती है। वही किस्म के अनुसार मात्रा में बदलाव हो सकता है। परंतु किसानों को अपने खेत की मिट्टी परीक्षण करवाए जाने के अनुसार उपयोग करना चाहिए।
पहला यूरिया खाद के साथ धान फसल में क्या डालें
किसानों को धान की फसल में कई महत्वपूर्ण बातों की आवश्यकता ध्यान में रखने की होती है। ऐसे में किसान अपने धान फसल में पहले खाद यूरिया को रीजेंट 0.6 प्रतिशत की मात्रा को प्रति एकड़ भूमि में डाल सकते हैं। क्योंकि फसल में रीजेंट डालने के चलते हैं दीमक व जमीन में अन्य प्रकार के कीटों की सुरक्षा भी मिलेगा। वहीं इसके अलावा किसान अपनी फसल में ग्रोथ प्रमोटर को भी उपयोग में ला सकते हैं। जिसके लिए किसान निम्नलिखित में से एक का उपयोग कर सकते हैं।
1). सागरिका (इफको)
2). माइकोराइजा
यूरिया डालते समय जरूरी सावधानी
किसानों को अपने खेत में यूरिया जरूरत के अनुसार ही उपयोग में लेना चाहिए और मिट्टी परीक्षण अवश्य करवाए ताकि सही मात्रा का पता चल सके। इसके अलावा किसान जैविक खाद जिसमें गोबर खाद या कंपोस्ट का उपयोग भी मिट्टी की उर्वरता को बढ़ाने का कार्य करती है।
किसानों को धान की फसल में अधिक मात्रा में यूरिया का उपयोग नहीं करना चाहिए। क्योंकि इससे पौधों की लंबाई अधिक होने के साथ-साथ रोग कीट लगने का भी ज्यादा खतरा रहता है।
धान फसल में किसानों को पहले यूरिया की मात्रा को रोपाई करने के 10 से 15 दिन के पश्चात करना चाहिए
जिसके चलते पौधों की शुरुआती बढ़ोतरी अच्छी से रहती है। किसानों को धान की फसल में एक साथ यूरिया की मात्रा को नहीं डालकर दो से तीन भाग में बांटकर उपयोग में लाएं और मिट्टी की गुणवत्ता के मुताबिक खाद की मात्रा का उपयोग करें। अगर किसान धान की फसल में सही मात्रा और सही समय पर यूरिया डालते हैं। तो फिर उनको अच्छी उत्पादन मिलेगा और गुणवत्ता भी बेहतर प्राप्त होगी।
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नोट: किसान भाइयों आपको आपकी धान की फसल में किस्म के अनुसार, और मिट्टी परीक्षण के अनुसार खाद का उपयोग कर सकते हैं वहीं इसके अलावा ज्यादा जानकारी प्राप्त करने के लिए अपने नजदीकी कृषि विभाग से भी अवश्य संपर्क करें।
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