मध्य प्रदेश राज्य में जायद में मूंग व उड़द फसल की खेती कर रहे किसानों के लिए इंतजार समाप्त होने जा रहा है बता दें कि एमपी प्रदेश में कल यानी 19 जून से न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी रेट पर खरीद किए जाने को लेकर रजिस्ट्रेशन आरंभ होने जा रहा है।
किसान मूंग उड़द पंजीकरण 2025
प्रदेश में इन दोनों दलहन फसलों की खरीद को राज्य सरकार की ओर से मंजूरी दिया गया है और केंद्र सरकार के द्वारा एमएसपी रेट पर खरीद का प्रस्ताव की भेजा गया है।
बीते सप्ताह के दौरान मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के द्वारा जानकारी दिया गया था। पूर्व में उनकी ओर से बताया गया कि प्रदेश सरकार मूंग फसल में हानिकारक केमिकल के वजह से खरीद करने का हवाला देते हुए इनकार किया गया था। लेकिन इसके पश्चात किसानों के द्वारा विरोध प्रदर्शन किया गया। वहीं प्रदेश की विपक्षी दलों के द्वारा भी लगातार भाजपा सरकार पर निशाना भी साधा गया।
प्रदेश में कब तक किया जाएगा खरीद
मध्य प्रदेश सीएम डॉक्टर मोहन यादव की ओर से मंगलवार के दिन जानकारी दिया गया। जिसमें उनकी ओर से बताया गया MSP पर खरीद को लेकर किसानों से 19 जून से लेकर 6 जुलाई तक रजिस्ट्रेशन करवा पाएंगे।
वहीं प्रदेश सरकार की ओर से इन दलहनी फसलों खरीद का कार्य 7 जुलाई से आरंभ होकर 6 अगस्त तक होगा। मध्य प्रदेश राज्य में मूंग उत्पादक 36 जिलों में एमएसपी रेट पर जायद मूंग की खरीद 8682 रुपए प्रति कुंटल में किया जाएगा। इसके अलावा प्रदेश के उत्पादक 13 उड़द जिलों में भी एमएसपी रेट पर उड़द की खरीद 7400 प्रति क्विंटल पर होगा। ऐसे में किसानों को अपनी फसल का रजिस्ट्रेशन कार्रवाई के लिए किन-किन दस्तावेजों की आवश्यकता रहेगी लिए जानते हैं डिटेल में…
रजिस्ट्रेशन के लिए आवश्यक डॉक्यूमेंट
मध्य प्रदेश के किसानों को सरकारी खरीद केंद्रों पर अपनी फसल को बेचने को लेकर रजिस्ट्रेशन करवाया जाना आवश्यक होगा। जिसके लिए किसानों के पास अपना खुद का आधार कार्ड, बैंक खाता विवरण, आईएफएससी (IFSC) कोड भू-अधिकार व लोन बुक की स्व-प्रमाणित फोटोकॉपी जरूरी होना चाहिए। वहीं इसके अलावा किसानों के पास में खाता आवश्यक रूप से नेशनलाइज्ड बैंक या फिर जिला सहकारी केंद्रीय बैंक की शाखा में होना आवश्यक है।
खरीद केंद्रों की व्यवस्था समितियां की निगरानी
प्रदेश सरकार की ओर से बताया गया है कि प्रत्येक उपार्जन केंद्र यानी खरीद केंद्रों पर व्यवस्था उपार्जन समिति को बनाया जाएगा। और बनाई गई समितियां की ओर से खरीद प्रक्रिया में पारदर्शिता के साथ आसान बनाने का कार्य करने वाली है। इसके अलावा इन समितियां के द्वारा यह भी ध्यान में रखा जाएगा कि किस को प्रक्रिया के दौरान किसी भी तरह की कोई भी समस्या का सामना ना हो।
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