Rajasthan Farmers News: राजस्थान में बी.टी.कपास की बुवाई से पहले कृषि विभाग का किसानों को विशेष सलाह, बीज विक्रेताओं को सख्त निर्देश

Kotputli-Behror: राजस्थान किसान की ओर से सरसों, गेहूं व चना फसल की कटाई अब अंतिम चरण में है। और अगली फसल की बुवाई को लेकर तेजी से काम शुरू कर दिया है। अब बी.टी. कपास की बुवाई आरंभ होने को है। इसी बीच कोटपूतली-बहरोड़ जिला में भी बुवाई का समय करीब है। इसी दौरान किसानों को अपनी भूमि में बुवाई करने से पहले फर्जी बीज विक्रेताओं से सतर्क रहने को लेकर सलाह दिया गया है।

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किसानों से कृषि विभाग की ओर से केवल अधिकृत बीज विक्रेताओं से ही .टी. कपास का बीज खरीदने व पक्का बिल अवश्य लेना चाहिए। वहीं बी.टी. कपास के बीज के ऊपर किस्म का नाम, लॉट नंबर व कम्पनी का नाम साफ रूप से लिखा हुआ होना चाहिए।

बता दें कि किसानों को लेकर संयुक्त निदेशक कृषि महेन्द्र जैन की ओर से कहा गया है कि पक्का बिल न होने की स्थिति में नकली बीच मिलने की संभावना बनी रहती है। जिसके चलते किसानों को भारी नुकसान भी उठाना पड़ सकता है। वही अगर किसी बीज विक्रेता के द्वारा पक्के बिल दिए जाने से मना किया जाता है तो फिर उनकी शिकायत कृषि पर्यवेक्षक, सहायक कृषि अधिकारी या फिर बहरोड़ स्थित सहायक निदेशक कृषि विस्तार कार्यालय में तुरन्त किया जाए।

प्रदेश सरकार की तरफ से केवल चयनित कंपनी व किस्म के बीजों को ही अनुमति दिया जाता है। जो कि क्षेत्र के अनुसार निर्धारित किया जाता है। ऐसे में किसान अधिकृत व अनुमोदित बी को ही खरीदना चाहिए विशेष कर उन लोगों के लिए चेतावनी जारी किया गया कि जो गांव के अंदर अपने वाहन के द्वारा घूम घूम कर बीज बेचने वालों से कोई भी बीच को ना खरीदा जाए और इस मामले को लेकर तुरंत जानकारी विभाग को दें।

बीज विक्रेताओं के लिए सख्त निर्देश

इसके अलावा जिला में स्थिति सब अधिकृत बीज विक्रेताओं को भी निर्देशित करते हैं कहा गया है कि उनके द्वारा केवल अनुमोदित कंपनियों व किस्मों का ही बीज पक्के बिल सहित विक्रय किया जाए। वहीं अगर फिर भी किसी विक्रेता के पास अनाधिकृत बीज  मिलेगा या फिर शिकायत प्राप्त होता है तो संबंधित बीज लाइसेंस को निलंबित करने के बाद उनको निरस्त कर दिया जाएगा और साथ ही बीच जब्त कर कानूनी कार्रवाई भी होगा। इसके अलावा बीज विक्रेता के पास उपलब्ध बीच कंपनी का लाइसेंस होना चाहिए, इसके साथ ही क्रय बिल और भंडारण पंजिका में भी इंद्राज अनिवार्य किया गया है। विभाग की ओर से किसानों की आय व फसल की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए किसी भी तरह की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं होगा।

महेन्द्र जैन, संयुक्त निदेशक कृषि-कोटपूतली-बहरोड़

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