एमपी सरकार ने गोवंश को लेकर बनाया शानदार प्लान, किसानों की फसल होंगी सुरक्षित, जानें कामधेनु निवास योजना डिटेल

एमपी सरकार ने गोवंश को लेकर बनाया शानदार प्लान, किसानों की फसल होंगी सुरक्षित, जानें कामधेनु निवास योजना डिटेल

हमारे देश के अधिकतर राज्यों में आज भी बेसहारा व निराश्रित गोवंश घूम रहे हैं। जिसकी वजह से किसानों के साथ-साथ राहगीरों को भी कई बड़ी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। किसानों के द्वारा बोई गई फसल जिसमें हर समय फसल को नष्ट कर देते हैं। जिसकी वजह से उनको आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ रहा है।

कामधेनु निवास योजना की डिटेल 

एमपी राज्य में तकरीबन यह स्थिति देखने को मिल रही है। परंतु अब प्रदेश सरकार के द्वारा इस समस्या को ध्यान में रखकर स्थाई समाधान देने हेतु सरकारी जमीन में बड़ी गौशाला को बढ़ावा दिया जाएगा।

जिसमें इन पशुओं को आश्रय दिए जाने को लेकर फैसला किया गया है। प्रदेश सरकार के द्वारा दिए गए अपने बयान के मुताबिक राज्य में अब से कामधेनु निवास यानी की स्वालंबी गौशालाएं को बनाया जाएगा। और इनमें बड़ी मात्रा में गोवंश को आश्रय मिलने के साथ-साथ उनकी देखभाल भी होगा।

प्रदेश में नई गौशाला नीति को दिया गया मंजूरी

सरकार के द्वारा अपने बयान में बताइए मुताबिक स्वावलंबी गौशालाएं (कामधेनु निवास) स्थापना को लेकर नीति को मध्य प्रदेश राज्य में मंजूरी दिया गया है।

प्रदेश सरकार की ओर से स्‍वावलंबी गौशाला का उद्देश्य गौ पालन के अलावा पंचगव्य निर्माण, नस्ल सुधार, बायोगैस, जैविक खाद, सौर ऊर्जा, दुग्ध प्रसंस्करण की तरह कमर्शियल गतिविधियों में बढ़ावा देने व इसके अलावा बाद में जो भी आमदनी होगा, उसके माध्यम से पशुओं की देखरेख सहित गौशालाओं का अन्य कार्य किए जाएंगे।

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गौशाला पर कितने गोवंश होंगे 

बता दें न्यूनतम गोवंश की संख्या कामधेनु निवास में5 हजार रखा गया है। जिसमें से गाय-गोवंश उन्नत दुधारू नस्ल में 30% होगी। प्रदेश सरकार की ओर से बताया गया कि प्रदेश में इन गौशाला के संचालकों को जमीन के तौर पर सरकारी जमीन में 125 एकड़ भूमि उपयोग का अधिकार मिलेगा। वहीं इसके अलावा जिसे गौशालाओं में 5 हजार से भी अधिक गौवंश से अधिक होती है तो फिर 25 एकड़ सरकारी जमीन 1000 गौवंश पर अतिरिक्त दिया जाएगा।

लैंडबैंक को तैयार करेगा पशुपालन-डेयरी विभाग

बयान में कहे अनुसार पशुपालन व डेयरी विभाग के द्वारा लैंड बैंक को तैयार किया जाएगा। वही पशुपालन व डेयरी विभाग के स्वामित्व में ही गौशाला को लेकर जमीन मिलेगी। इस जमीन के ऊपर किया जानें वाला विकास का कार्य गोपालक संस्था को ही करवाना पड़ेगा।

कामधेनु निवास के निर्माण का लाभ पंजीकृत संस्था को ही दिया जाएगा। जिसमें कंपनी, फर्म, समिति, ट्रस्ट या फिर संघ शामिल हैं वो लाभ उठा सकते हैं। इस योजना के तहत संघ 5 संस्थाओं से अधिक मान्य नहीं होगी।

 

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