Hybrid Bajra Seed Subsidy: किसानों के लिए एक ओर बड़ी खुशखबरी, बाजरा की संकर किस्मों के बीज पर मिल रही सब्सिडी

देश के कई हिस्सों में बाजारा फसल की खेती किया जाता है और यह श्री अन्न में  प्रमुख में एक फसल है। देश के UP राज्य में धन, मक्का, गेहूं की फसल की बुवाई के पश्चात तकरीबन 10 लाख हेक्टेयर भूमि पर बाजरा का खेती किया जाता है। बता दे की बाजारा के अंदर विटामिन फाइबर प्रोटीन, मैगनीज, बीकाम्प्लेक्स, फास्फोरस व कैल्शियम के साथ ही एंटीऑक्सीडेंट भी अच्छी मात्रा में पाया जाता है। ऐसे में बाजारा को खाने से व्यक्ति के शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित होती है। जिसकी वजह से बाजार में बाजरा की मांग हैं। व्हाट्सएप ग्रुप में जुड़े 👉 यहां पर क्लिक करें

Hybrid Bajra Seed Subsidy

बाजरा के उत्पाद से मधुमेह नियंत्रण, हृदय के स्वास्थ्य सुधार किए जाने को लेकर उपयुक्त ग्लूटेन की मात्रा कम होने की वजह से पेट के रोगों से राहत मिल जाने के साथ ही मोटापा कम व वजन को घटाने में मदद करने में फायदेमंद है। इसके अलावा वैज्ञानिक शोध व तकनीकी विकास के चलते बाजरा का दाना में कई तरह की औषधियों का भी निर्माण हो रहा है। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की ओर से इन सभी गुणों को ध्यान में रखते हुए बाजरा (श्री अन्न) किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है।

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कम बारिश के हिस्सों में लगाए बाजरा की ये किस्म

कृषि विभाग के अनुसार वे क्षेत्र से पर अपेक्षाकृत कम वर्षा होती है, वहां पर बाजरा की खेती किया जा सकता है। इस वर्ष करीब राज्य में 29 जनपदों में औसत से भी कम बारिश हो पाया है। ऐसे में जिन हिस्सों में धान की खेती को कम बारिश में हो सकती वहां पर बाजरा की फसल को लगाना फायदेमंद हो सकता है। ऐसे में जिन किसानों के द्वारा धान की फसल की समय पर बुवाई नहीं कर पाए हैं वह बाजरा की फसल अगस्त महीने के बीच में कर सकते हैं। बाजार की फसल को पकाने में करीब 80 से 85 दिन का समय लगता है ऐसे में किसानों को आगामी नवंबर महीने की 10 दिनांक बाजरा की कटाई भी हो जाएगा। जिससे उनको रबी की फसल बुवाई करने में भी आसानी होगी।

वही बाजारा फसल से प्रति हेक्टेयर उत्पादन 25 से लेकर 30 क्विंटल तक हो सकता है। वहीं इसके अलावा किसान धान की फसल में अधिक खर्च होता है वही बाजारा फसल में खर्च कम होता है। और बाजार मूल्य भी ज्यादा जिसकी वजह से किसानों को प्रति इकाई लाभ भी ज्यादा होता है। बाजरा की किस्मों की बात करें तो इसमें किसान बायो- 8145, संकर प्रजाति 8684, एनबीएच-5929 व संकुल प्रजाति धनशक्ति के साथ बुवाई करने पर प्रति हेक्टेयर भूमि में 35 से 40 क्विंटल का उत्पादन क्षमता  है।

किसानों को किन-किन बाजरा बीज पर दिया जाएगा अनुदान

यूपी में कई हिस्सों में क्षेत्रफल असमतल और कम बारिश के कारण धान की फसल को लगाना उपयुक्त नहीं होता है। जिसके चलते किसानों को इन भूमि पर बाजरा की फसल से अतिरिक्त फायदा ले सकते हैं। परंतु बाजरा फसल को बुवाई करने से पहले भूमि जनित रोगों से बचाव किए जाने में ट्राइकोडर्मा, हारजीनम 2% पाउडर को 2.50 किलोग्राम की मात्रा के साथ शोधन करना जरूरी है।

राज्य के किसानों राजकीय कृषि बीज भंडारों के जरिए बाजरा की संकर प्रजाति का बीज को अनुदान पर लिया जा सकता है। जिसके चलते किसानों को सामान्य बाजरा बीज पर 50 प्रतिशत व हाइब्रिड बाजरा किस्म बीज 150 रुपए प्रति किलो अनुदान से सीधा लाभ आर्थिक के साथ खर्च कम होगा। वहीं इसके अलावा साल 2022-23 से सरकार के द्वारा बाजरा की फसल न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद किया जा रहा है। ऐसे में किसानों को अपनी फसल का सही कीमत मिलेगी। इसी को ध्यान में रखकर कृषि विभाग की ओर से किसानों से खरीफ के मौसम में भूमियों की उपयोगिता के मुताबिक अपील किया है कि बाजार की खेती के ऊपर सरकारी योजनाओं के जरिए ज्यादा फायदा प्राप्त किया जा सकता है।

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