रेवाड़ी: हरियाणा राज्य में कल से आए मौसम में बदलाव के कारण कई हिस्सों में बारिश होने के साथ-साथ ओलावृष्टि हुई। किसानों के द्वारा बोई गई गेहूं, सरसों, चना और अन्य फसल पकने लगी है जिसमें किसानों को अपनी फसल बारिश और ओलावृष्टि से प्रभावित होने की चिंता बढ़ गई है।
Haryana Weather News
बता दें कि प्रदेश में कल शाम को अचानक मौसम में बदलाव आया और बारिश और भारी ओलावृष्टि के चलते 75 से अधिक गांव के किसानों को अपनी फसल में भारी नुकसान पहुंचा है।
रेवाड़ी BKU के जिला अध्यक्ष समय सिंह की ओर से मीडिया से बातचीत में बताया गया कि इस पूर्व जिले में 28 फरवरी के दौरान 81 गांवों में भारी ओलावृष्टि की वजह से गेहूं सरसों और अन्य फसलों में नुकसान हुआ था।
वही इसके अलावा दिसंबर महीने में किसानों को अपनी फसल में ओलावृष्टि के चलते नुकसान पहुंचा था। उनके अनुसार जिला प्रशासन की तरफ से अभी तक कोई फसल में नुकसान होने की गिरदावरी नहीं कराया गया है। जिसकी वजह से किसानों में रोष व्याप्त है। वहीं एक बार फिर देर शाम को बारिश के साथ ओलावृष्टि होने से किसान पूरी तरह से टूट चुके है। क्योंकि फसल 100% तक तबाह हो गई है।
रेवाड़ी जिले के लाला, रोझुवास, मुरलीपुर, रोहड़ाई, बाबडौली के अलावा 80 से अधिक गांवों में किसानों की फसल में नुकसान पहुंचा है। BKU के जिला अध्यक्ष समय सिंह के मुताबिक आगामी 20 मार्च भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी पहुंचेंगे। किसानों की फसल में होने वाले नुकसान को लेकर बड़ा आंदोलन किया जाए। उनके अनुसार आज 14 मार्च को जिला सचिवालय पहुंचेंगे और जिला प्रशासन से जल्द गिरदावरी करवाने के बाद किसानों को उनकी फसल में नुकसान को उचित मुआवजा देने की मांग किया जाएगा।
कौन कौन से गांवों में ओलावृष्टि से फसलों को नुकसान
1). सुरेहली
2). झाड़ौदा
3). कृष्ण नगर
4). बालधन कलां
5). लाला
6). बहाला
7). नयागांव
8). गढ़ी
9). नेहरूगढ़
10). गुडियानी
11). मुसेपुर
12). टूमना
13). बव्वा
14). मुमताजपुर
15). भडंगी
16). बिसोहा
17). जाटूसाना
18). बहोतवास
19). भोंदू
20). रोहड़ाई
21). परखोत्तमपुर
22). बेरली
23). खुशपुरा
24). नाहड़
25). कुहारड़
26). जुड्डी
27). झाल
28). भाकली
29). नठेड़ा
30). जाहिदपुर
31). भूरथला
32). बाबडाैली
33). मस्तापुर
34). टहना
35). दीपालपुर
36). नैनसुखपुरा
37). सुर्खपुर
38). उष्मापुर
39). पहराजवास
40). आलियाकी
41). जैतपुर-शेखपुर
42). मालियाकी
43). सुमा
44). कतोपुरी
45). चिल्हड़
46). मालपुरा कापड़ीवास
47). जोनियावास और अन्य
उनके द्वारा कहने के अनुसार ऐसे में अब जिला प्रशासन के द्वारा किसानों की मांग को ध्यान देते हुए गिरदावरी का काम आरंभ होता है। या फिर किसानों को आंदोलन करने के रास्ते को अपनाना पड़ेगा।
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