Haryana Jaivik Mandi
क्योंकि ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है जिससे की प्राकृतिक खेती से मिलने वाला उपज को खरीदा जा सके। इन सब उठ रहे प्रश्नों के जवाब में हरियाणा प्रदेश सरकार के द्वारा सीएम नायाब सिंह सैनी की ओर से फैसला किया गया है। हरियाणा प्रदेश में 2 जैविक मंडियों को बनाया जाएगा। जहां पर किसान की ओर से अपनी प्राकृतिक खेती से मिलने वाला उत्पादन को भेजा जा सके। इसके साथ-साथ किसानों को प्राकृतिक उत्पादन की ब्रांडिंग व पैकेजिंग को लेकर भी सरकार के द्वारा 20000 रुपए भी प्राप्त होगा।
हरियाणा प्रदेश में प्राकृतिक खेती को सही दिशा में बढ़ोतरी के साथ-साथ किसानों को प्राकृतिक खेती के लिए जागरूक किए जाने को लेकर मुख्यमंत्री की ओर से घोषणा करते हुए बताया गया है कि प्राकृतिक खेती और जैविक खेती से मिलने वाला उत्पादन जिसमें गेहूं, धान व दाल के अनाज खरीदी किए जाने को लेकर प्राकृतिक व जैविक मंडी को बनाया जाएगा।
वहीं इसके अलावा प्रदेश में प्राकृतिक और जैविक खेती से जो फल और सब्जी का उत्पादन होगा। उनको खरीद के लिए हरियाणा प्रदेश के हिसार में प्राकृतिक खेती व जैविक मंडी को स्थापना होगा। इसके साथी किसानों को प्राकृतिक खेती व जैविक खेती से मिलने वाला उत्पादन का सही से उचित मूल्य प्राप्त किया जा सके इसके लिए हरियाणा किसान कल्याण प्राधिकरण के माध्यम से एक समिति का भी गठन होगा।
प्राकृतिक व जैविक खेती उत्पाद ब्रांडिंग को लेकर 20000 रुपए
बता दें कि हरियाणा प्रदेश के मुख्यमंत्री की ओर से 5 जून गुरुवार को विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर
हिसार के चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय प्राकृतिक खेती सम्मेलन का आयोजन किया, जिसमें उनकी ओर से संबोधित किया गया।
इसे भी पढ़ें 👉 मध्य प्रदेश व राजस्थान प्रदेश में कौन सी दिनांक तक सभी जिलों में पहुंचेगा, जानें आईएमडी का ताजा अपडेट
सीएम की ओर से ऐलान करते हुए बताया गया कि प्राकृतिक खेती से मिलने वाला उत्पादकों के ब्रांडिंग व पैकेजिंग को लेकर प्रत्येक किसान को 20000 रुपए दिया जाएगा। वहीं इसके अलावा किसानों से मिलने वाला उपज जो की प्राकृतिक व जैविक खेती से हुआ उसकी जांच के लिए प्रयोगशाला का निर्माण होगा और इसी प्रयोगशाला में निशुल्क किस की फसल की जांच किया जाएगा।
हरियाणा प्रदेश के मुख्यमंत्री नरेंद्र सिंह सैनी की ओर से ऐलान किया गया कि कैथल जिला में खंड पुंडरी में कृषि विभाग की ओर से 53 एकड़ भूमि को प्राकृतिक खेती किए जाने के लिए किसानों को नीलामी आधार पर पट्टा दिया जाएगा।
वहीं उन्होंने आगे कहा कि प्रदेश के हर पंचायत में पंचायती भूमि में 10 फीसदी या फिर न्यूनतम 1 एकड़ भूमि को प्राकृतिक खेती के लिए आरक्षित होगी। और प्राकृतिक खेती के लिए इस भूमि के नीलामी केवल भूमिहीन किसानों के लिए ही होगी।
वही उनके अनुसार सरकारी वह पंचायती भूमि पर जिन किसानों के द्वारा प्राकृतिक खेती को किया जाएगा उनका प्राकृतिक खेती योजना के माध्यम से वित्तीय प्रोत्साहन के तौर पर कच्चा मकान का भंडारण व संस्करण को लेकर 4 ड्रम जिनके खरीदने के लिए हर किसान को 3000 रुपए दिया जाएगा। इसके अलावा किसान को 30000 रुपए एक देसी गाय के खरीद पर भी सब्सिडी मिलेगा।
इसे भी पढ़ें 👉 राजस्थान प्रदेश के 4 जिलों में बारिश का अलर्ट, जानें अगले तीन दिनों में मौसम कैसा रहेगा
Share this content: