Fruit Farming Subsidy Scheme: किसानों के लिए बड़ी सौगात, 4 फलों की खेती करने पर राज्य सरकार से मिलेगी 50 हजार रुपए सब्सिडी, जानें जरूरी दस्तावेज

Government Schemes: किसानों की आमदनी में बढ़ोतरी किए जाने को लेकर केंद्र व राज्य सरकारों की ओर से पारंपरिक खेती करना है, वहीं बागवानी फसलों की खेती को प्रोत्साहित भी किया जा रहा है। इसी प्रकार से बिहार राज्य में राज्य सरकार इस वर्ष ‘फसल विविधीकरण योजना’ जिसके अनुसार अमरूद, आवंला, नींबू व एपल बेर की खेती किया जाएगा। बिहार राज्य सरकार (Bihar State Government) इनकी खेती करने पर 50 प्रतिशत सब्सिडी भी दिया जा रहा है। व्हाट्सएप ग्रुप में जुड़े 👉 यहां पर क्लिक करें

Fruit Farming Subsidy Scheme

बता दें कि बिहार सरकार उद्यान निदेशालय, कृषि विभाग के द्वारा किसानों के लिए नींबू, आवंला, अमरूद व ऐपल बेर की तरह फलों की खेती के जरिए कम खर्च में अधिक मुनाफा कमा सकतें हैं। इसके अलावा ये सब जलवायु परिवर्तन के समय में भी एक मजबूत टिकाऊ खेती बनने में मदद मिल सकती है।

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कितना दिया जाएगा सब्सिडी लाभ?

अब किसानों को इसमें 4 फलों की खेती के लिए अलग अलग रकबा लक्ष्य रखा गया है जिसमें आंवला व नींबू की खेती का लक्ष्य 30-30 हेक्टेयर भूमि, वहीं एपल बेर व आंवला की खेती के लिए क्रमशः 25 व 20 हेक्टेयर भूमि का लक्ष्य रखा है। इन सभी फलों की खेती को लेकर प्रति हेक्टेयर यूनिट कॉस्ट 1 लाख रुपए तक है। जिसमें 50 प्रतिशत सब्सिडी यानी कि किसानों को प्रति हेक्टेयर पर की खेती कर 50 हजार रुपए अनुदान राशि मिलेगा।

कितनी किस्त में जारी किया जाएगा अनुदान?

राज्य सरकार के द्वारा दी जाने वाली इस योजना में शामिल होने वाले किसानों को 2 किस्त में अनुदान राशि खातों में डाला जाएगा। जिसमें पौधा लगाने के पश्चात पहला किस्त में 60% सब्सिडी, वहीं इसके अलावा दूसरा साल में दूसरा किस्त जारी किया जाएगा।

किसान करें ऑनलाइन आवेदन 

राज्य में फसल विविधीकरण योजना के माध्यम से जो भी किसान खेती करने के इच्छुक हैं तो फिर उनको उद्यान विभाग के पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करना पड़ेगा। इस योजना में लाभ देने की प्रक्रिया पहले आओ-पहले पाओ के अनुसार दी जाएगी। योजना में 1 किसान के पास न्यूनतम भूमि 0.1 हेक्टेयर से लेकर 4 हेक्टेयर तक है वो आवेदन कर पाएंगे। वहीं इसके अलावा इससे अधिक के रकबा होने पर 1 किसान को सब्सिडी का लाभ नहीं मिल पाएगा।

कौन कौन से आवश्यक दस्तावेजों की जरूरत 

जिन किसानों के द्वारा ऑनलाइन आवेदन किया जाएगा उनको 2 साल के भीतर कटाई गई जमीन का रसीद देना होगा। किसान के द्वारा आवेदन पूरा करने के वेरिफिकेशन के पश्चात वर्क ऑर्डर दिया जाएगा। खेती के जगह पर अधिकारियों की ओर से वेरिफिकेशन होने के पश्चात ही योजना में किसानों को उनके खाते में राशि दी जाएगी।

एक हेक्टेयर भूमि में कितने पौधे लगाए 

प्राप्त जानकारी के अनुसार किसानों को उद्यान निदेशालय के अनुसार 1 हेक्टेयर भूमि में नींबू 555, आंवला 400, अमरूद 278 व एपल बेर का 278 पौधे प्रति हेक्टेयर में लगाया जा सकता है।

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