Import duty on edible oils: देश में घरेलू बाजार में खाद्य तेलों में लगातार वृद्धि को देखते हुए केंद्र सरकार की तरफ से एक बड़ा कदम उठाया गया है। बता दें कि 30 मई शुक्रवार को भारत सरकार के द्वारा कच्चे खाद्य तेलों पर लगने वाले बेसिक आयात शुल्क में घरेलू बाजार में खाद्य तेलों की कीमतों को कम किए जाने को लेकर 10 प्रतिशत की कटौती कर दिया है।
Edible Oils Update
सरकार के द्वारा लिए गए ये फैसला 31 मई से प्रभावी माना जाएगा। हमारे देश भारत में कुल वनस्पति तेल की मांग में 70 प्रतिशत से ज्यादा आयात पर निर्भर रहता है। भारत देश में विशेष तौर पर मलेशिया, इंडोनेशिया व थाईलैंड देशों से पाम तेल खरीद किया जाता है।
वहीं इसके अलावा सूरजमुखी व सोयाबीन के तेल का आयात अर्जेंटीना, रूस, ब्राजील व यूक्रेन से होता है। जिसे ही अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल के दाम में बढ़ोतरी होती है। तो भारत के घरेलू बाजार पर इसका सीधा असर देखने को मिलता है। जिसकी वजह से तेल की कीमत में तेजी देखने को मिलती है। जिसको लेकर सरकार ने महंगाई को कम करने के साथ-साथ उपभोक्ताओं को राहत पहुंचाने को लेकर ये कदम उठाया है।
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बात दें कि सरकार के द्वारा इससे पहले कच्चे सोयाबीन, कच्चे सूरजमुखी व कच्चे पाम तेल के ऊपर मूल सीमा शुल्क में 20 प्रतिशत से कम करते हुए 10 प्रतिशत किया गया था। 3 तेलों पर कुल आयात शुल्क 27.5 प्रतिशत सरकार की तरफ से नई कटौती हो जाने के पश्चात कम होकर 16.5 प्रतिशत तक हो जाएगा। बता दें कि यह भारत के कृषि अवसंरचना, सामाजिक कल्याण अधिभार व विकास सेस लगता है।

भारत सरकार के द्वारा उठाया गया यह कदम से उम्मीद किया जा रहा है कि खाद्य तेल की कीमतें कम हो जाएगी। क्योंकि आयात शुल्क के कम होने पर विदेशों से पहुंचने वाला तेल कीमत सस्ती हो जाएगी। जिसकी वजह से भारतीय उपभोक्ताओं को को सीधा लाभ मिलेगा।
खाद्य तेलों में कीमत में कमी से मांग में बढ़ोतरी होगा। घरेलू मांग को पूरा किया जानें के लिए सूरजमुखी तेल, पाम तेल व सोयाबीन तेल का विदेशी खरीद में भी बढ़ोतरी होगा।
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