देश में किसानों के हित में सरकार की तरफ से समय समय पर योजना को सरल, आसान और पारदर्शी बनाने को लेकर बदलाव किया जा रहा है। इसी तरह एक योजना ई-नाम स्कीम (इलेक्ट्रॉनिक नेशनल एग्रीकल्चर मार्केट स्कीम) जिसमें सरकार ने आवेदक को अपना आधार की जानकारी देने को अनिवार्य किया गया है। जिसकी वजह से किसानों को सब्सिडी व अन्य प्रकार की सुविधाओं को फायदा होगा।
E-Nam Scheme को आधार से लिंक अनिवार्य
इस स्कीम में आधार को अनिवार्य किए जाने का मकसद ज्यादा से ज्यादा पारदर्शी बनाया जा सके।कृषि जींसों के व्यापार के लिए योजना के तहत ऑनलाइन पोर्टल पर लाया हैं। इस योजना में जुड़े नया नियम के मुताबिक ई-नाम पर अगर कोई किसान शामिल और फायदा उठाने के इच्छुक हैं तो फिर उनको अपने आधार का जानकारी देना पड़ेगा। जो कि पहले से अनिवार्य नहीं था।
सरकार के द्वारा किसानों को ई-नाम स्कीम के अंतर्गत सब्सिडी दिया जाता है। असली किसानों को ही सब्सिडी का फायदा मिल पाए इसलिए सरकार की ओर से आधार को अनिवार्य किया है। सरकार की ओर से आधार को इनाम खाता से कनेक्ट होने के पश्चात धांधली की आशंका कम होने के साथ-साथ फर्जीवाड़ी को भी कम करना है। यानी कि इससे किसानों को उनके सीधे खाते में सब्सिडी का फायदा प्राप्त होगा।
स्कीम में आधार अनिवार्य करने से क्या क्या समस्या
वही इनाम प्लेटफार्म में आधार कार्ड डिटेल को लेकर एक समस्या भी बताया जा रहा है। जिस कारण से अगर ई-नाम में आधार की जानकारी को नहीं जोड़ा जाता तो भी सरकारी सुविधा मिलने से भी वंचित रह जायेगे। सरकार के द्वारा ई-नाम में आधार जोड़ना असली उद्देश्य धीमा हो सकता है। और किसानों को उनकी उपज सीधा लाभ ग्राहकों को बेचने के लिए लाभ पहुंचाना सरकार का मुख्य उद्देश्य है। सरकार का नजरिया उपज की बिक्री को बिचौलियों किधर कल को कम करने के साथ-साथ सरकारी योजनाओं का पूरा फायदा सीधा किसानों के खाते में पहुंचाना है।
किसानों को क्या क्या लाभ मिलेगा?
सरकार की इस स्कीम के जरिए किसानों उपज का सही व समय पर कीमत मिलने के साथ ही व्यापार का कार्य साफ सुथरा ऑनलाइन होता है। यह ऑनलाइन प्लेटफॉर्म देश के अलग-अलग हिस्सों में मंडियों यानी कि एपीएमसी को कनेक्ट करने का कार्य करता है। इस प्लेटफार्म के जरिए किसान व खरीददार ऑनलाइन कारोबार किया जाता है और यह कार्य को तेज होने के साथ-साथ सुविधाजनक किया जाए इसको लेकर सरकार ने आधार को ई-नाम के साथ अनिवार्य किया जा रहा।
देश में 230 से ज्यादा उपज में करोबार
बता दे की देश में प्लेटफार्म के जरिए 230 से भी अधिक कृषि जिंसों का कारोबार किया जा रहा है। वहीं सरकार भी कृषि उपज के दायरे को समय-समय पर बढ़ोतरी करती है। जिससे ज्यादा से ज्यादा किसानों को लाभ मिल सके। सरकार की ओर से हाल ही में कुछ प्रोडक्ट्स को ई-नाम में जोड़ा गया है। जिसमें गेहूं का आटा, सिंघाड़े का आटा, बेसन, चना सत्तू, बेबी कॉर्न, सूखी तुलसी की पत्तियां, सूखी मेथी की पत्तियां, ड्रैगन फ्रूट व सिंघाड़ा को शामिल किया हैं।
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