हमारे देश भारत में चना का रेट में आने वाली गिरावट व भारी आयात को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार के द्वारा चना आयात पर आयात शुल्क को लगाया गया है। जिसके चलते चने के को किसानों को अपनी फसल का सही कीमत प्राप्त हो। इस वर्ष चना फसल का उत्पादन बेहतर है। इन परिस्थिति में चना की कीमत में गिरावट आ रही है।
केंद्र सरकार का Chana Import 10% Duty
चना की कीमत 1 महीने में 400 से लेकर 500 रुपए कम होकर 5600 से लेकर 5650 रुपए प्रति क्विंटल तक पहुंच गया है। इस प्रकार केंद्र सरकार के चना पर आयात शुल्क लगाए जाने पर चना की कीमत को समर्थन मिल सकता है। चना न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद को लेकर केंद्र सरकार के द्वारा रबी सीजन में 27.99 लाख टन का मंजूरी दिया है।
चना पर कितना लगा आयात शुल्क
बता दें कि अधिसूचना के अनुसार देसी चना (बंगाल ग्राम) पर केंद्र सरकार ने 10% आयात शुल्क लगाया है। जो कि 1 अप्रैल से शुल्क लागू होने वाला है। बता दें कि घरेलू बाजार में उपलब्धता बढ़ाए जाने के साथ चना की कीमत पर अंकुश लगाने को लेकर केंद्र सरकार ने पिछले साल मई महीने में चना के शुल्क मुक्त आयात को अनुमति दिया था।
केंद्र सरकार के द्वारा जारी किया गया शुल्क छूट 31 मार्च 2025 तक लागू था। ऐसे में अब आयात पर आयात शुल्क लगाए जाने के बाद शुल्क मुक्त चना आयात के अनुमति भी खत्म हो जाएगा।
चना का आयात वित्त वर्ष 2024-25 के अवधि में भारी वृद्धि देखा जा रहा है। वहीं केंद्रीय वाणिज्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक 2024-25 के दौरान अप्रैल-दिसंबर के समय में 2477 करोड रुपए मूल्य के चना का आयात किया जा चुका है।
जो कि पिछली समान अवधि में ये आंकड़ा 929 करोड़ रुपए पर था। इस प्रकार से अगर मूल्य के मुताबिक चना आयात में 3 गुना बढ़ोतरी हुई है। वहीं इसके अलावा मात्रा के तौर पर देखा जाए तो इस वित्त वर्ष में अप्रैल-दिसंबर अवधि के दौरान चना का आयात 3.60 लाख टन तक हुआ है। जो कि बीते वित्त वर्ष के समान अवधि में आयात हुए से 23546 टन से 15 गुना से अधिक है।
बता दें कि भारत में प्रमुख चना निर्यातक देश ऑस्ट्रेलिया से इस वित्त वर्ष में अप्रैल – दिसंबर अवधि के दौरान चना का आयात 2.70 लाख टन हुआ जो कि पिछली इसी समान अवधि के दौरान ये आंकड़ा केवल 21164 टन का था। तंजानिया से चालू वित्त वर्ष में चना आयात 69331 टन हुआ है।
ऐसे में किसानों को केंद्र सरकार के द्वारा लगाया गया चना आयात पर 10% शुल्क के चलते चना की कीमत में सुधार देखने को मिल सकता है। वहीं चने के भाव आगामी दिनों में मांग, मौसम और सरकार के रुख पर निर्भर करेगा कि चना की कीमत में तेजी आएगी या फिर नहीं। ऐसे में किसान व व्यापारी भाई व्यापार अपने विवेक से निर्णय को सोच समझ कर करें।
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