Subsidy News: केंद्र के अलावा राज्य सरकारों के द्वारा किसानों की बेहतरी और आय को दोगुना करने को लेकर कई तरह की योजनाएं आरंभ किया गया है। इसी तरह अब बिहार राज्य सरकार की ओर से भी इस दिशा में एक बड़ी पहल शुरू किया गया है। परंपरागत खेती किए जाने के साथ राज्य के किसान मसालों की खेती के जरिए अपनी आमदनी को बढ़ा पाएंगे। बिहार सरकार की ओर से सौंफ, धनिया, मंगरैला, अजवाइन व मेथी की खेती करने में बढ़ावा दिए जाने को लेकर बीज मसाले की योजना’ (Beej Masaale Ki Yojana) को आरंभ किया गया है। इस योजना के माध्यम से किसानों को खेती करने पर 40 प्रतिशत से लेकर 50 प्रतिशत तक अनुदान प्राप्त होगा। व्हाट्सएप ग्रुप में जुड़े 👉 यहां पर क्लिक करें
Bij Masala Yojana सब्सिडी कितनी राशि मिलेगा
बता दें कि उद्यान निदेशालय, कृषि विभाग, बिहार के अनुसार बीज मसाले की योजना बिहार राज्य के सभी 38 जिलों में लागू की जाएगी। सरकार की तरफ से ‘बीज मसाले की योजना’ में किसानों को मसालों की खेती किए जाने को लेकर आर्थिक मदद दिया जाता है। जिसमें हर हेक्टेयर को लेकर 50 हजार रुपए के लागत में 40 प्रतिशत अनुदान यानी कि 20 हजार रुपए मिलेगा। जानकारी के अनुसार मिलने वाली अनुदान राशि को 2 किस्त में दिया जाएगा।
ये भी पढ़ें 👉 किसानों के लिए एक ओर बड़ी खुशखबरी, बाजरा की संकर किस्मों के बीज पर मिल रही सब्सिडी
किस तरह करें रजिस्ट्रेशन व आवेदन?
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस योजना में शामिल होने या लाभ लेने हेतु किसान सबसे पहले डीबीटी पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवाया जाएगा। जिसके पश्चात किसान पोर्टल https://horticulture.bihar.gov.in/ के ऊपर लॉगिन करने के साथ ही बीज मसाला योजना के माध्यम से उपलब्ध फसलों में जैसे मेथी, मंगरैला, धनिया, अजवाइन व सौंफ को लेकर आवेदन करें पाएंगे। पहले आओ-पहले पाओ के अनुसार पर होगा।
किन किन किसानों को योजना में लाभ?
1). इस योजना में लाभ कम से कम 0.25 एकड़ भूमि यानी 0.1 हेक्टेयर से लेकर जायदा से ज्यादा 5 एकड़ यानी कि 2 हेक्टेयर भूमि पर दिया जाएगा।
2). लाभ लेने के इच्छुक किसान भूमि स्वामित्व प्रमाण-पत्र या 2 साल पहले से अपडेटेड राजस्व रसीद, वंशावली, ऑनलाइन अपडेटेड रसीद, एकरारनामा व वंशावली के अनुसार विधि मान्य भू-स्वामित्व का प्रमाण-पत्र में से एक का होना आवश्यक होगा।
3). वही अगर आवेदन करने वाले किसान के नाम पर भूमि-स्वामित्व या फिर राजस्व रसीद सहित वंशावली को लगाया जाना आवश्यक होगा।
4). जो भी गैर-रैयत किसान है उनको एकरारनामा के अनुसार योजना में लाभ प्राप्त कर पाएंगे।
5). बता दें कि एकरारानामा प्रारूप उपलब्ध दिए गए लिंक से डाउनलोड आसानी के साथ कर सकते हैं।
किस प्रकार से किया जाएगा लाभुकों का चयन ?
- जो भी किसान आवेदन के इच्छुक है वो DBT में पंजीकृत बैंक खाता से जुड़ी जानकारी की सही से खुद से जांच करें।
- योजना में नियमानुसार सहायतानुदान DBT कार्यक्रम के अनुसार CFMS से भुगतान की जाएगी।
- राज्य के सामान्य श्रेणी में लाभुकों का चयन 78.537 प्रतिशत, अनुसूचित जाति में 20 प्रतिशत, अनुसूचित जनजाति में 1.463 प्रतिशत व हर श्रेणी में चयन महिलाओं की हिस्सेदारी 30 फीसदी सुनिश्चित किया जाएगा।
कहां से प्राप्त होने वाला है बीज?
किसान के लिए बीज की उपलब्धता राष्ट्रीय बागवानी अनुसंधान व विकास प्रतिष्ठान, पटना व बिहार राज्य बीज निगम के जरिए सुनिश्चित किया जाएगा। बीज लेते समय पर जियो-टैग सेल्फी किसान संबंधित पदाधिकारी व आपूर्तिकर्ता सहित अपलोड करना पड़ेगा।
कहां पर करें सकेंगे संपर्क
इस योजना से जुड़ी पूरी जानकारी उद्यान निदेशालय के पोर्टल के ऊपर SOP/Karyanwyan Anudesh के लिंक पर उपलब्ध होगी।
व्हाट्सएप ग्रुप में जुड़े 👉 यहां पर क्लिक करें
Share this content: