Pink Caterpillar: किसानों को बड़ी राहत, गुलाबी सुंडी का होगी खत्म, नई तकनीक से कम खर्च में छुटकारा

गुलाबी सुंडी एक ऐसा किट जिसकी वजह से किसानों को फसल में भारी नुकसान बीते कुछ सालों में देखने को मिला है इस किट के चलते जैसे ही किसानों को खबर मिलती है तो किसानों को चिंता होने लगती है कि उनकी फसल में नुकसान ना हो जाए। क्योंकि इस गेट की वजह से किसानों की फसल को पूरी तरह से नष्ट बीते दो-तीन साल से देखने को मिली है। जिससे किसानों मैं केवल उत्पादन कम होता है बल्कि उनका आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ता है। व्हाट्सएप ग्रुप में जुड़े 👉 यहां पर क्लिक करें

Pink Caterpillar Crop

यह किसकी विशेष कर कपास की फसल में किसानों के द्वारा कड़ी मेहनत के बाद फसल को अंतिम समय में नष्ट कर देता है और अभी तक इसका पूर्ण रूप से इलाज नहीं हो पाया है। तुरंत गुलाबी सुंडी की रोकथाम को लेकर कोई भी मार्केट में नई तकनीक के बारे में पता चलता है तो किसानों को बेहतर खुशी होती है क्योंकि इसकी रोकथाम कपास की फसल के बहुत ही आवश्यक हो चुका है। किसानों के लिए अगर यह कहा जाए की गुलाबी सुंदरी की रोकथाम एक ऐसी नई तकनीक सस्ता और कारगर है, तो किसानों के लिए खुशी की बात होगा।

गुलाबी सुंडी की रोकथाम को लेकर हैदराबाद में 1 स्टार्टअप डेल्टा थिंग्स की ओर से 1 नया तकनीक का आविष्कार किया है। जिसके चलते गुलाबी सुंडी की तरह के कीटों को नष्ट करेगा। बता दें कि ये नई तकनीक जो कि 1 लाइट ट्रैप जिसके चलते किसी भी फसल व पर्यावरण को किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचता है। परंतु कीटों को आवश्यक मारता है। इस नई तकनीक के ट्रैप को आई ट्रैपर (iTrapper) का जाता है। इसको डेल्टा थिंग्स प्राइलेट लिमिटेड व जयशंकर तेलंगाना स्टेट एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों की ओर से लाइट ट्रैप को बनाया गया है।

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किस प्रकार काम करता लाइट ट्रैप

इस लाइट ट्रैप के साथ गुलाबी सुंडी के प्रभाव से ही नहीं बल्कि अन्य तरह की कीटन से भी बचाव होता है। मार्केट में कई प्रकार के लाइट ट्रैप पहले से ही उपलब्ध है लेकिन इस आई ट्रैपर की तकनीक उनके मुकाबले में कई तरह से अलग रहेगा। अन्य सभी लाइट ट्रिप की समय सीमा कम दिनों तक होता है परंतु आई ट्रैपर को अधिक दिन तक खेत में कार्य करता है। वही इस आई ट्रैपर को लगाने के बाद जो फसलों के लिए फायदेमंद और जरूरी किट है उनको नहीं मारेगा, वहीं जो फसल को नुकसान करते हैं। उनको मारता है जिसमें से एक गुलाबी सुंडी कीट है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जयशंकर तेलंगाना यूनिवर्सिटी में प्रधान वैज्ञानिक रामगोपाल वर्मा के मुताबिक लाइट ट्रिप सामान्य रूप से अच्छे व बुरे दोनों तरह के कीट में अंतर नहीं कर पाता। और सभी प्रकार के कट को मार देता है। जिसकी वजह से फसलों को काफी नुकसान होता है। वही नई तकनीक से आई ट्रैपर जोकि अच्छे कीटों को छोड़कर हानिकारक कीटों को मारता है। और यह तकनीक सामान्य लाइट ट्रिप के मुकाबले में ज्यादा दिन तक कार्य करता है।

फसल में अच्छा कीट का बचाव, हानिकारक कीट खत्म

बता दें कि डेल्टा थिंग्स कंपनी के फाउंडर राजशेखर रेड्डी पल्ला के कहने के मुताबिक यह ट्रैप को इजाद किए जाने से पहले 2 वर्ष तक खेतों में कीटो के बर्ताव के बारे में अध्ययन हुआ। धान व कपास फसल में प्रमुख कीटों के ऊपर रिसर्च किया गया। जिसके पश्चात आई ट्रैपर का आविष्कार किया जो कि यूवी लाइट व विजिबल लाइट दोनों तरह का इस्तेमाल करता है। जिससे वह बुरे कीटों मारने व अच्छे कीटों का छोड़ने का काम करता है।

उनके मुताबिक ये लाइट ट्रैप आईओटी से लैस हैं। इसमें माइक्रोकंट्रोलर व 1 एलईडी बल्ब लगा है। ये ट्रैप कुछ खास प्रकार के कीटों भांपने व उनके अनुसार लाइट को भेजता है। जिसके चलते कीटो हमला होने से ट्रैप में फंस जाते हैं। इस ट्रैप में भेजने वाली लाइट को कीटो के अनुसार छोड़ता है और जिस किट फस कर मर जाते हैं।

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