राजस्थान प्रदेश में सरकार की ओर से ही पंडित दीनदयाल उपाध्याय गरीबी मुक्त गांव योजना को प्रदेश में बीपीएल ग्रामीण परिवारों को आर्थिक सशक्तिकरण के साथ गरीबों की रेखा से ऊपर उठाने को लेकर आरंभ किया गया। इस योजना में राज्य के 5000 गांव को पहले चरण में शामिल हुए है। व्हाट्सएप ग्रुप में जुड़े 👉 यहां पर क्लिक करें
Rajasthan BPL Good News
बताने की राज्य में योजना में शामिल इन गांव में चयनित BPL परिवारों को आर्थिक संबल प्रदान किए जाने को लेकर 300 करोड़ का प्रावधान भी किया है। राज्य के ग्रामीण क्षेत्र में सामाजिक आर्थिक स्थिति मजबूत करने में इस योजना से काफी लाभ पहुंचेगा।
राजस्थान प्रदेश में सरकार की ओर से बीपीएल परिवारों को इस योजना के जरिए 1 लाख रुपए का मदद राशि देने का प्रावधान, यह परिवार है जो की गरीबी रेखा से ऊपर आए है, उनको भी प्रोत्साहन राशि दिया जाएगा।
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परिवार को प्रोत्साहन राशि में 21000 रुपए
बता दे की राज्य के वो परिवार जो इस योजना से अपने द्वारा किए गए कार्य पर गरीब रेखा से ऊपर आ गए हैं उनको 21000 रुपए का प्रोत्साहन राशि सम्मान स्वरूप मिल रहा है। उन परिवारों को पंडित दीनदयाल उपाध्याय अन्त्योदय संबल पखवाड़े में बैंक खातों का सत्यापन हो रहा है। जिसके चलते 22 हजार 400 परिवारों को उनके बैंक खाता में प्रोत्साहन राशि डीबीटी यानी डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर से जारी किया जाएगा।
इन सभी परिवारों में से अभी तक 17 हजार 891 परिवार का बैंक खाता सत्यापन हो गया है। प्रदेश सरकार की ओर से इन सभी परिवारों को प्रोत्साहन के तौर पर आत्मनिर्भर परिवार कार्ड भी दिया जाएगा।
राज्य में योजना के जरिए चयनित किए गए गांव में आत्मनिर्भर परिवार के अलावा वह परिवार जो के गरीब भी रेखा से ऊपर आने में मदद की जरूरत है। उनको लेकर राज्य सरकार के द्वारा आय सृजन, कौशल विकास व वित्तीय समावेशन को लेकर अलग अलग फायदेमंद योजना में शामिल किए जाने के लिए आवेदन मांगा जा रहा है। जिसमें अभी तक 61442 परिवार की ओर से आवेदन मिल चुका है।
पहला चरण में कितना BPL परिवार चिह्नित
प्राप्त जानकारी के मुताबिक प्रदेश में योजना के माध्यम से पहले चरण जिसमें 5 हजार 2 गांव में से कुल 30 हजार 631 बीपीएल (BPL) परिवारों को चिन्हित हुए हैं। इन सभी परिवारों का भौतिक सर्वे पूर्ण हो चुका है। जनगणना 2002 के आंकड़ों से किए जाने के बाद वेब पोर्टल पर सर्वे इन्द्राज हो गया है।
राज्य में सर्वे के आधार पर हर गांव को लेकर गरीबी मुक्त गांव कार्य-योजना को तैयार किया जा रहा है। सरकार की ओर से योजना में अन्य योजनाओं को भी समझ में हो रहा है जिसके चलते गांव में समग्र विकास किया जा सके। इस योजना का मकसद बीपीएल जनगणना 2002 के मुताबिक चिन्हित किए गए परिवारो के जीवन सत्र में सुधार लाने के साथ-साथ आत्मनिर्भर बनाया जाना है।
योजना में 1 लाख रुपए मदद
बता दे कि राज्य में बीपीएल परिवारों के स्वरोजगार के साथ-साथ आजीविका से संबंधित गतिविधियों को लेकर योजना के माध्यम से 1 लाख रुपये अधिकतम सहायता दिया जाएगा। वहीं इसी प्रकार से जो महिलाएं स्वयं सहायता समूह में शामिल है, उन हर परिवार को 15000 रुपए तक का राशि कार्यशील पूंजी मिलेगा।
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