Karnal Farmers lastest News: प्रदेश के किसानों को प्रति एकड़ 8 हजार रुपए सब्सिडी, धान की सीधी बुवाई पर 4500 रुपए का लाभ
हरियाणा करनाल: हरियाणा प्रदेश का एक ऐसा जिला जिसे चावल का कटोरा के रूप में जाना जाने वाला करनाल जिला यहां पर किसानों के द्वारा आगामी धान की फसल की रोपाई आरंभ हो चुका है। और किसानों ने रोपाई के कार्य में तेजी लाया जा रहा है। प्रदेश के करनाल कृषि विभाग में उपनिदेशक वजीर सिंह की ओर से कहा गया है की जिला में धान की खेती 180000 हेक्टेयर किया जाता है।
Karnal Farmers lastest News (धान की खेती)
प्रदेश सरकार की ओर से किसानों को धान की रोपाई 15 जून तक प्रतिबंध लगाया गया था। परंतु अब किसानों के द्वारा धान की रोपाई का काम को आरंभ किया जा चुका है। वजीर सिंह के मुताबिक ऐसे में किसानों को धान की खेती करने के लिए रोपाई की जगह पर डीएसआर तकनीक से किया जाता है तो उनको सरकार के द्वारा प्रति एकड़ 4500 रुपए सब्सिडी के तौर पर दिया जाता है।
धान फसल के स्थान पर अन्य फसलों पर सब्सिडी
वहीं इसके अलावा किसी किसान की ओर से धान की खेती को छोड़कर अन्य कोई दूसरी फसल को लगाते हैं। तो प्रदेश सरकार की ओर से प्रति एकड़ 8000 रुपए सब्सिडी दिया जाएगा। कृषि उपनिदेशक की ओर से कहे अनुसार हरियाणा प्रदेश के करनाल जिला में धान की खेती ज्यादा होता है। परंतु यहां के किसानों से अनुरोध किया गया है कि गिरते हुए भजन स्तर को ध्यान में रखकर किसानों को धान के स्थान पर अन्य दूसरी फसल को लगाना चाहिए।
जिसकी वजह से पानी की बचत होने के साथ-साथ पर्यावरण को भी बचाने में मदद मिलेगा। उन्होंने बताया कि सरकार के द्वारा अलग-अलग तरह से कार्यक्रम भी आयोजित किया जा रहा है।
डीएसआर धान बुवाई लक्ष्य 30000 एकड़
हरियाणा प्रदेश के करनाल जिला में किसानों के बीच कृषि विभाग के द्वारा दर्स से धान की रोपाई किए जाने को लेकर प्रमोट भी किया जा रहा है। यानी कि किसानों को धान लगाने के लिए डीआरएस के जरिए धान लगाया जाए के लिए बताया जा रहा है। उनके मुताबिक प्रदेश के करनाल जिला में अबकी बार डीएसआर से सीधी बुवाई धान लक्ष्य 30 हजार का मिला है।
धान सीधी बिजाई से पानी की बचत
वर्तमान में धान की रोपाई करने से सबसे अधिक भूजल को नुकसान हो रहा है। इसको लेकर कृषि अधिकारियों की ओर से किसानों को डीएसआर से धान सीधी बुवाई करने के लाभ बताया जा रहे हैं। प्रत्येक वर्ष जमीन में 2 से 3 फीट पानी नीचे धान की रोपाई में पानी की ज्यादा खपत से नीचे की तरफ जा रहा है।
सरकार के द्वारा इस और ध्यान देते हुए किसानों को धान लगाए जाने को लेकर नए विकल्प के तौर पर डीएसआर तकनीक को बढ़ावा दे रही है। इस तकनीक को अपने से दान की रोपाई नहीं किया जाता और किसान गेहूं की बिजाई करने के समान ही धान की भी बुवाई मशीन से किया जाता है। जिसकी वजह से पानी की बचत होने के साथ-साथ मजदूर भी कम लगता है और उत्पादन में भी लाभ मिलता है।
राज्य में मेरा पानी मेरी विरासत योजना आरंभ किया
बता दें कि करनाल जिला में कृषि उप निदेशक वजीर सिंह के मुताबिक हरियाणा प्रदेश शाहिद करनाल जिला में भू जल स्तर नीचे हो रहा है। जिसको ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार के ओर से मेरा पानी मेरा विरासत योजना को आरंभ किया गया।
ऐसे में किसी भी किसान के द्वारा धान की फसल किस स्थान पर कोई अन्य फसल की बुवाई करता है, तो उनको प्रति एकड़ 8000 रुपए सब्सिडी दिया जाएगा। वहीं प्रदेश सरकार ने कृषि विभाग को करनाल जिले में डीएसआर के द्वारा 30 हजार एकड़ भूमि का लक्ष्य निर्धारित किया है।
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