किसानों को केंद्र सरकार से बड़ी सौगात मिली, कृषि भंडारण योजना में 1 लाख करोड़ रुपए के लिए मंजूरी दिया

कृषि के क्षेत्र को बड़े स्तर पर बदलाव किए जाने को लेकर हमारे देश भारत में भारत सरकार की तरफ से किसानों के लिए AIF (Agri Infrastructure Fund) योजना को लाया जा रहा है। केंद्र सरकार की ओर से देसी योजना के माध्यम से अभी तक 1 लाख करोड़ से भी अधिक का निवेश किया जा चुका है वहीं परियोजनाओं में 1.09 लाख से भी ज्यादा हो चुका है। जिसका मकसद किसानों के उपज को सही तरीके से स्टोर करने के साथ-साथ खराब होने से बचाव करने के अलावा बाजार तक बेहतर तरीके से पहुंचने का उद्देश्य है। जिसकी वजह से किसानों को अपनी उपज का सही से कीमत प्राप्त हो और फसल में नुकसान में भी कमी देखा जाए।

सरकार ने किए 63 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा मंजूर

बीते 5 सालों के दौरान सरकार के द्वारा 63500 करोड रुपए से भी ज्यादा कृषि के ढांचे को मजबूत करने के लिए कर परियोजना को मंजूर किया गया। वही इस योजना में तकरीबन अभी तक 90000 करोड रुपए का भुगतान भी हो चुका है। मिलने वाले पैसों पैसों का एक बड़ा हिस्सा निजी क्षेत्र से भी शामिल हुआ है जिससे इस योजना की सफलता को देखा जा सकता है।

योजना के आरंभ होने का मकसद

देश के किसानों को खेत की नजदीक में ही स्टोर किए जाने की सुविधा प्राप्त होने पर है आवश्यक है जिसकी वजह से उनकी उपज खराब होने से बचाव होगा और उनको सही समय पर बाजार में बेचा जा सकेगा जिससे उन्हें ज्यादा फायदा होगा। बता दे की योजना के जरिए कोल्ड चेन (ठंडा भंडारण), लॉजिस्टिक्स व अन्य आवश्यक सुविधाओं में भी बढ़ोतरी किया जा रहा है।

योजना में शामिल महत्वपूर्ण बातें

  • योजना में खाद्य प्रसंस्करण इकाइयां, किसान, किसान समूह व कस्टम हायरिंग सेंटर के तरह को फायदा होगा।
  • योजना में 2 करोड रुपए तक लोन सीमा को आसानी से प्राप्त किया जा सकता है।
  • इससे प्राप्त होने वाला लोन जो की वापस चुकाने के लिए अधिकतम समय 7 साल तक कर सकते हैं।
  • योजना के द्वारा मिलने वाली छूट जो की ब्याज में मिलेगा वह 3% तक ब्याज सब्सिडी है।
  • योजना को वर्ष 2020-21 से आगामी वर्ष 2032-33 तक चलाया जाएगा।

किन-किन राज्य में अधिक हिस्सेदारी

किसानों के लिए चलाई जा रही इन परियोजनाओं में अभी तक सबसे अधिक 21740 पंजाब, 12,495 मध्य प्रदेश, 10,418 महाराष्ट्र व 8,563 यूपी राज्य में मंजूरी मिली है। ऊपर दिए गए राज्यों में परियोजनाओं की मांग में कृषि उत्पादन अधिक होने के चलते अधिक हैं।

मिल रहा सीधा किसानों लाभ

बता दें कि अच्छे भंडारण के साथ ही मार्केटिंग सुविधाओं के चलते किसानों को सीधा अधिक उपभोक्ताओं तक अपनी उपज को पहुंचा पाएंगे। जिसके चलते किसानों को मुनाफा में वृद्धि व मध्यस्थों की संख्या में गिरावट आएगी। वही इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में नए रोजगार के मौके प्राप्त होंगे। जिसकी वजह से ग्रामीण विकास को बढ़ावा मिलेगा।

फसल का नुकसान हुआ कम

इस योजना के माध्यम से सरकार का अनुमान है कि प्रत्येक वर्ष अनाज 1.86 मिलियन टन व बागवानी 0.34 मिलियन टन फसलों के नुक्सान होने से रोक सकते हैं। जिसके चलते किसानों की आमदनी में उल्लेखनीय बढ़ोतरी होगा।

 

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