Haryana News: धान की खेती की तैयारी बड़े स्तर पर हो रही है। वहीं अगेती किस्मों की बुवाई करने में अब कम समय बाकी है। इसी बीच किसानों को कृषि विभाग की ओर से भी अपील किया गया है कि धान की बिजाई का कार्य को 15 जून से पहले आरंभ ना करें। जिसको लेकर कृषि विभाग के द्वारा पानी की बचत करने के मकसद से धान सीधी बुवाई (Direct Seeding of Rice) को लेकर प्राथमिकता दिए जाने को लेकर सलाह दिया गया है।
Dhan Direct Seeding
किसान को इस तकनीक को अपनाए जाने से न केवल पानी की जरूरत कम होती है। वहीं इसके अलावा पर्यावरण को भी काफी फायदा होता है। किसानों को प्रोत्साहित किए जाने को लेकर विभाग के द्वारा धान सीधी बुवाईको लेकर प्रोत्साहन राशि में वृद्धि करने का निर्णय किया गया है।
किसानों अब बढ़कर मिलेगा प्रोत्साहन राशि
Dhan Direct Seeding: जहां पर किसानों को हर एकड़ का 4 हजार रुपए दिया जा रहा था। उनके स्थान पर अब 4 हजार 500 रुपए मिलेगा। किसानों के लिए एक यह भी जान आवश्यक है कि यह कितनी एकड़ के लिए मिलेगा तो बता देंगे इसमें कोई लिमिट नहीं लगाया गया है यानी जितना चाहे उतना सीधी धान बिजाई के लिए किसान लाभ प्राप्त कर सकते हैं। किसान लाभ के लिए 10 जुलाई 2025 तक आवेदन करने व पूरी जानकारी प्राप्त करने हेतु टोल फ्री नंबर: 18001802117
या फिर विजिट करें :- agriharyana.gov.in
और यह किसानों को प्रति एकड़ के अनुसार ही राशि दिया जाएगा और कृषि विभाग के माने तो इस पहल को हरियाणा प्रदेश में लागू करने से खेतों में पानी की खपत भी कम हो जाएगा और किसानों को आर्थिक लाभ भी ज्यादा मिल पाएगा । वहीं किसानों से इस योजना में फायदा उठाने के साथ-साथ सही समय में बिजाई करने का भी अनुरोध किया गया है
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धान सीधी बिजाई से क्या-क्या बेनिफिट होगी
कम पानी की आवश्यकता
धान की खेती के लिए किसानों को पारंपरिक रोपाई के मुकाबले में धान सीधी बिजाई करने पर 30% से लेकर 40% तक की अपनी आवश्यकता कम होता है।
लागत में आएगी कमी
किसानों को धान की रोपाई की तकनीक के दौरान पहले नर्सरी को तैयार करना पड़ता है। अतिरिक्त मजदूरों की जरूरत होती है। जिस पर अधिक खर्चा होता है लेकिन सीधा बिजाई को मशीन के साथ आसानी से खेत में लगा सकते हैं। जिसकी वजह श्रम के साथ-साथ समय भी कम लगता है।
पर्यावरण अनुकूल
बता दें कि धान की सीधी बुवाई के चलते ईंधन की खपत में बचत होगा। वही पानी की भी बचत होगी। जिससे कार्बन उत्सर्जन में भी कमी आता है। जिसकी वजह से खेत की मिट्टी उर्वरकता भी बना रहता है
कितनी प्रोत्साहन राशि मिलेगी
राज्य सरकार की ओर धान की सीधी बिजाई करने पर किसानों को 4500 रुपए प्रति एकड़ में राशि के रूप में मिलता है। जिससे किसानों को सीधा आर्थिक फायदा होता है।
कम समय में सही उत्पादन
पारंपरिक तौर पर धान की बुवाई नर्सरी को तैयार कर रोपाई किया जाता है। और अगर इसी प्रक्रिया को सीधी धान की बिजाई से किया जाए तो जल्दी से बिजाई हो जाएगा और जिसको आसानी से किया जा सकता है। वही किसानों के द्वारा सही तकनीक व प्रबंधन किया जाए तो उत्पादन रोपाई के मुकाबले में सम्मान या फिर उससे भी ज्यादा लिया जा सकता है।
धान सीधी बिजाई में खरपतवार नियंत्रण
किसानों को अपने खेत में धान की सीधी विजई में आधुनिक तकनीक के साथ-साथ उचित रसायनों का इस्तेमाल किया जाए तो खरपतवार को भी आसानी से नियंत्रण में किया जा सकता है।
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