देश के तकरीबन सभी हिस्सों में खेती हो रही है। जिसमें सिंचित क्षेत्र व असिंचित भूमि शामिल है। लेकिन इसके अलावा भी कई ऐसे किसान हैं अब भी जमीन को बंजर जानकर खाली छोड़ दिया जाता है। जिन जमीन पर खेती को करना अधिक मुश्किल है।
परंतु अब इन सभी किसानों के लिए भी बड़ी अच्छी और राहत भरी खबर आई है। बता दें कि बिहार राज्य में राज्य सरकार की तरफ से किसानों को आय में वृद्धि हो सकती है। बिहार प्रदेश में राज्य सरकार के द्वारा किसानों की सहायता करने को लेकर 1 नई पहल की शुरुआत किया गया है।
Mukhymantri Chaur Vikas Yojana Update
बिहार राज्य में मुख्यमंत्री चौर विकास योजना के तहत सात निश्चय-2 को लेकर कार्यक्रम के जरिए वित्तीय वर्ष 2025-26 को लेकर आरंभ किया गया है। जिसका मुख्य उद्देश्य प्रदेश में बेकार हो चुकी जमीनों से भी सही तरीके से दुबारा आमदनी का साधन बनना है।
Mukhymantri Chaur Vikas Yojana: इसी को ध्यान में रखते हुए बिहार राज्य में सरकार की ओर से योजना में मछली पालन को पालने के लिए तालाब खुदवाते तो उनको आर्थिक सहायता मिलेगी। इसको अगर आसान भाषा में बताएं तो किसानों को अपनी बंजर भूमि पर तालाब की सहायता से मछली पालन को किया जा सकता है। जिसकी वजह से किसानों की आय में बढ़ोतरी हो सकती है।
किसानों की आमदनी में वृद्धि कैसे होगा
बता दें कि राज्य सरकार के द्वारा मुख्यमंत्री चौर विकास योजना को आरंभ करने का मुख्य उद्देश्य प्रदेश के किसानों की आय में बढ़ोतरी व मछली पालन में वृद्धि करना है। ताकि इसकी वजह से जो बड़ी संख्या में बंजर या बेकार भूमि का उपयोग पूरा किया जा सके।
राज्य सरकार की ओर से योजना के माध्यम से इन क्षेत्रों को इंटीग्रेटेड एक्वाकल्चर के आधार पर विकसित की सोच है। इस प्रकार से इन जमीन में मछली पालन किया जा सकेगा, वही कृषि, बागवानी व अन्य कृषि से जुड़े कार्य को पूरा किया जा सकता है। जिसके चलते उत्पादन में बढ़ोतरी व किसान की आय में वृद्धि होगी।
आवेदन को ऑनलाइन कहा पर करना होगा
हमारे देश में आज के समय पर मछली पालन को करना बिजनेस के तौर पर काम कर रहा है। जो कि एक फायदेमंद व्यवसाय के रूप में बहुत से किसान कर रहे हैं। जो भूमि आज के समय पर बंजर जमीन है। और उन पर खेती करना मुश्किल होता है वहां पर अब प्रत्येक दिन कमाई करने का मौका बन सकता है।
मछली पालन करने से यह भी एक बड़ा लाभ मिलेगा कि तालाब में ताजा मछली को बेचने के साथ ही कमाई किया जा सकता है। वहीं किसानों को तकनीकी सहायता के लिए मत्स्य विभाग से मदद भी प्राप्त कर सकते हैं।
इच्छुक लोग fisheries.bihar.gov.in पर अपना आवेदन ऑनलाइन 31 अगस्त 2025 तक जरूरी दस्तावेज व पूरी जानकारी सहित कर पाएंगे।
योजना में तालाब बनाने व अन्य लागत
- किसानों को अपनी 1 हेक्टेयर भूमि पर 2 तालाब के निर्माण करने में प्रति हेक्टेयर लागत 8.88 लाख रुपए।
- वही अगर 4 तालाब 1 हेक्टेयर भूमि पर बनाया तो उस पर प्रति हेक्टेयर खर्च 7.32 लाख रुपए।
- इसके साथ ही जो किसान 1 हेक्टेयर भूमि पर 1 ही तालाब के निर्माण व भूमि विकास को लेकर प्रति हेक्टेयर खर्च 9.60 लाख रुपए।
योजना में किस प्रकार से उठाएं लाभ
1). किसान अपनी नजदीकी ब्लॉक में कृषि या फिर फिशरीज डिपार्टमेंट के साथ संपर्क करना
2). आपके पास जमीन से संबंधित कागजात व आधार पर अवश्य होना चाहिए।
3). अपना ऑनलाइन आवेदन करें।
4). योजना में सब्सिडी के लिए सभी योग्यता की जानकारी ले।
कितनी सब्सिडी का फायदा मिलेगा
बता दें कि प्रदेश में अलग अलग वर्ग के लोगों को अलग अलग सब्सिडी दिया जाएगा।मुख्यमंत्री चौर विकास योजना के तहत पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग (मत्स्य प्रभाग), बिहार सरकार के अनुसार किसानों को अपनी बंजर भूमि में तालाब के निर्माण को लेकर 70 प्रतिशत सब्सिडी दिया जाएगा।
इसके अलावा योजना में शेष वर्ग को तालाब बनाने व यूनिट खर्च का 50 प्रतिशत सब्सिडी दिया जाएगा। वे लोग जो अनुसूचित जाति , अनुसूचित जनजाति व अत्यंत पिछड़ा वर्ग से आते हैं उनको 70 प्रतिशत व उद्यमी को योजना में 40 प्रतिशत सब्सिडी मिलेगा।
कौन से दस्तावेज की आवश्यकता
क्रमांक संख्या | दस्तावेज |
1. | 2 पासपोर्ट साइज फोटो (सेल्फ अटेस्टेड) |
2. | आधार कार्ड |
3. | जाति प्रमाण-पत्र |
4. | समूह में काम करने के लिए एनओसी |
योजना में लाभ लेने के लिए उद्यमी है, तो फिर उनको बीते 3 साल के ऑडिट व GST, आईटी रिटर्न, भूमि का मालिकाना हक होने का प्रमाण पत्र, फिशरीज का ट्रेनिंग, लीज का कॉन्ट्रैक्ट होना चाहिए। वही योजना में फिशरीज बेस्ड इंडस्ट्री में अनुभव के अनुसार प्राथमिकता मिलेगी
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