Ragi Cultivation: किसान धान की खेती छोड़ करें इस फसल का खेती, कम खाद, पानी व कीटनाशक के साथ मिलेगा दोगुना लाभ, MSP रेट में 596 रुपए का बढ़ोत्तरी

भारत सरकार की ओर से देश में मोटे अनाज (Millets) को की खेती में बढ़ावा देने हेतु कई तरह की कोशिश किया जा रहा है। मोटे अनाज की प्रमुख फसलों में से एक रागी (Ragi) की फसल भी है। जिसको किसान खरीफ के सीजन में बाय कर सकते हैं और इस फसल से मिलने वाला अनाज का सेवन लोगों में सेहत के लिए काफी लाभदायक मानते है।

किसानों के लिए Ragi Cultivation ज्यादा लाभकारी

देश में खरीफ सीजन (Kharif Season) के दौरान किसान ज्यादातर धान की फसल को लगाना पसंद करते हैं। लेकिन इसकी जगह पर किसान रागी (Finger Millet) की खेती से अधिक लाभ मिल सकता। क्योंकि और आगे की फसल में कीटनाशक व खाद का लागत भी कम होता है। और धान के मुकाबले में न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी रेट भी दुगना से भी ज्यादा है।

रानी की खेती के लिए कौन कौन सी किस्में

देशभर में राजी की खेती के लिए अलग-अलग क्षेत्र के अनुसार कई तरह की लोकप्रिय वैरायटी शामिल है। जो निम्नलिखित नीचे दिया गया है।

1).  वीएल 101 (VL 101)
2).  वीएल 204 (VL 204
3). वीएल 124 (VL 124)
4). वीएल 149 (VL 149)
5). वीएल 146 (VL 146
6). वीएल 315 (VL 315)
7). वीएल 324 (VL 324)

इन किस्मों में वीएल 315 का परिपक्वता 105 दिन से लेकर 115 दिन व वीएल 324 का परिपक्वता 105 दिन से लेकर 135 दिन का हैं।

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रागी की खेती किस तरीके से करें?

बता दें कि देश में रागी को कई तरह के नाम से जाना जाता है जिसमें कोदो, कोदरा व मडुआ शामिल हैं। इसका खेती को किसान असिंचित व सिंचित क्षेत्र में किया जा सकता है। रागी की फसल को गंभीर सूखे को सहन करने की क्षमता होती है। किसान इसकी खेती को ऊंचाई वाले क्षेत्रों में आसान तरीके से लगा सकते हैं।

रागी की फसल में कम कीटनाशक व खाद की आवश्यकता

देश में किसानों को अपनी भूमि में धान की फसल में अधिक खाद, पानी व कीटनाशक की आवश्यकता होती है। परंतु इसके मुकाबले में रागी की फसल में कम खाद, पानी व कीटनाशक की आवश्यकता रहेगी। रागी की फसल में किसान अपने खेत में सही समय व पर्याप्त मात्रा में खाद, पानी व कीटनाशक और सही तरीके से करने पर प्रति हेक्टेयर में 20 क्विंटल से लेकर 25 क्विंटल का पैदावार ले सकते हैं।

किसानों की आमदनी में हो सकती हैं बढ़ोतरी

बता दें कि 14 फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी रेट को भारत सरकार की ओर से हाल ही में मार्केटिंग सीजन 2025-26 को लेकर खरीफ सीजन  को बढ़ाया गया था। ताकि उत्पादकों को प्राप्त होने वाली पैदावार का सही से लाभकारी मूल्य मिल सके।

धान का एमएसपी रेट (MSP Price) बीते साल की मुकाबले में प्रति क्विंटल 69 रुपए वृद्धि हुई है। वही इसके अलावा रागी का न्यूनतम समर्थन मूल्य 596 रुपए प्रति क्विंटल की वृद्धि की गई है।

धान की फसल का एमएसपी बढ़ोतरी होकर 2369 रुपए,  वहीं रागी फसल का एमएसपी बढ़ोतरी होकर 4886 रुपए प्रति क्विंटल किया। इस प्रकार धान के मुकाबले में रागी का न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रति क्विंटल दुगना से ज्यादा होता है। इस प्रकार से किसानों को धान के स्थान पर रागी फसल में कम लागत में अधिक आमदनी कर सकते हैं।

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