Haryana Desi Gay Subsidy Yojana: हरियाणा प्रदेश में सीएम नायब सिंह सैनी की ओर से प्रदेश के किसानों से अपील किया गया है। राज्य के किसानों को अपनी फसल इस्तेमाल किया जानें वाला रासायनिक खाद व कीटनाशकों का जायदा उपयोग करने से बचाव करें।
Haryana Desi Cow Scheme 2025
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की ओर से बताया गया कि प्रदेश में हमारे आने वाली पीढ़ी को सशक्त बनाने के साथ-साथ मजबूत बनाया जाए इसके लिए हमको प्राकृतिक खेती की और अग्रसर होना होगा।
प्रदेश में प्राकृतिक खेती के लिए किसानों को अपनाने के लिए प्रेरित किए जाने को लेकर सीएम की ओर से बताया गया कि इसके चलते मिट्टी की उर्वरा को बनाने के साथ-साथ स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए भी सकारात्मक असर होगा।
हरियाणा प्रदेश में हरियाणा सरकार की ओर से प्राकृतिक खेती के लिए प्रोत्साहित करते हुए राज्य के किसानों को एक देसी गाय की खरीद करने पर 30000 रुपए का सब्सिडी दिया जा रहा है। जिसकी वजह से किसानों को वह आधारित जैविक विधि को अपनाकर सस्ती और टिकाऊ खेती की दिशा में आगे बढ़ा जा सकता है।
बता दे की हरियाणा प्रदेश के सीएम नायाब सैनिक की ओर से बीते सोमवार को हरियाणा प्रदेश के कुरुक्षेत्र में स्थित गांव बिहोली में राजकीय पशु चिकित्सा पॉलीक्लिनिक का उद्घाटन किया और इस दौरान उनकी ओर से संबोधित किया गया। इसका असर पर कम की ओर से गांव के विकास कार्यों को लेकर 21 लाख रुपए दिए जाने का भी ऐलान किया गया।
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सीएम मैं बताया कि तकरीबन 4 करोड़ 67 लाख रुपए के खर्चे से बनाया गया यह पॉलीक्लिनिक कि मदद से आसपास इलाकों में पशुओं को विशेष पशुचिकित्सा सेवाएं प्राप्त होगी। जिसमें माइक्रोबायोलॉजी, पैथोलॉजी, एक्स-रे, पैरासिटोलॉजी, अल्ट्रासाउंड, सर्जरी, गायनोकोलॉजी व पॉलीक्लिनिक की जैसे सेवा आरंभ होने के अलावा इनडोर और आउटडोर इकाइयाँ भी मिलेगा
उनके मुताबिक हरियाणा प्रदेश में अभी तक 6 राजकीय पशु चिकित्सा पॉलीक्लिनिक को चलाया जा रहा है। जिसमें भिवानी, जींद, रेवाड़ी, सोनीपत, रोहतक व सिरसा शामिल है। इसके अलावा 7वां पॉलीक्लिनिक केंद्र कुरुक्षेत्र में यह बनाया गया है।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने बताया कि प्रदेश में
पशुपालन के कार्य करने वाले लोगों को आर्थिक सुरक्षा देने हेतु ‘पंडित दीनदयाल उपाध्याय सामूहिक पशुधन बीमा योजना’ के जरिए जो बड़े पशु है उनका प्रीमियम पर बीमा किया जाता है। जोकि उनकी दूध उत्पादन क्षमता मुताबिक 100 से लेकर 300 रुपए, छोटे पशु जिसमें बकरी, भेड़ और सूअर का मात्रा 25 रुपए हर पशु के मुताबिक प्रीमियम पर बीमा हो रहा है।
राज्य के वे पशुपालक जो अनुसूचित जाति से जुड़े हैं उनके पशुओं का बीमा फ्री में किया जा रहा है। योजना में पंजीकृत किए गए दुधारू पशु की मौत हो जाने पर वित्तीय सहायता के लिए 1 लाख रुपए का प्रावधान किया गया।
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