Seed Treatment Subsidy: किसानों को सरकार दे रही रसायनों के लिए 75 प्रतिशत सब्सिडी, बीजोपचार करने पर मिलेगा बंपर पैदावार व रोग से मुक्त

Seed Treatment Subsidy: किसानों को सरकार दे रही रसायनों के लिए 75 प्रतिशत सब्सिडी, बीजोपचार करने पर मिलेगा बंपर पैदावार व रोग से मुक्त

देश के किसानों को बंपर पैदावार प्राप्त करने हेतु सबसे जरूरी काम में से एक काम बीजोपचार करना होता है। किसानों को अपनी कोई भी फसल में किसी तकनीक के साथ उन्नतशील बीज के साथ बुवाई बीज शोधन कार्य करने पर उत्पादन ज्यादा व रोग मुक्त खाद्यान्न उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है। क्योंकि खाद्यान्न उत्पादन प्राप्त करने हेतु सबसे जरूरी बीज महत्व रहता है।

Seed Treatment Subsidy

Seed Treatment: ऐसे में किसानों को अपनी खेती के लिए आने वाली फसल बुवाई के लिए नर्सरी लगाए या फिर इसके अलावा सीधी बुवाई करने से पूर्व कृषि रक्षा रसायन से बीजोपचार को किया जा सके। लेकिन अब किसानों के लिए बीजोपचार करने के लिए भी सब्सिडी दिया जा रहा है।

बीजोपचार के लिए किसानों को कितनी सब्सिडी मिलेगा

बता दें कि यूपी प्रदेश सरकार की तरफ से शत-प्रतिशत बीजोपचार करने को लेकर निर्देश दिया गया है। जिसके चलते कृषि विभाग की ओर से अभियान के तहत किसानों को जागरूक किया जा रहा है। इसके तहत किसानों को बीजोपचार किए जाने को लेकर कृषि रक्षा रसायनों के ऊपर 75 प्रतिशत सब्सिडी दी जा रही है जोकि किसान के खाते में डीबीटी (DBT) के द्वारा दी जा रही है।

बीजोपचार करने के बेनिफिट

किसान के द्वारा अगर फसल की बुवाई के दौरान बीजोपचार नहीं किया जाता तो फिर फसल में फूल, फल या फिर बीज के बनने के दौरान बीमारी का सामना करना पड़ सकता है। जिसके लिए बीजोपचार करने के बाद फसल में रोग बीमारी पर ज्यादा से ज्यादा नियंत्रण रखने में मदद मिलेगी। जिसकी वजह से किसानों की आय में बढ़ोतरी व खर्च में कमी आएगी।

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धान की फसल में False smut (फाल्स स्मट) हरदिया रोग की के जैसी बीमारियों की रोकथाम मात्रा बीज शोध से ही किया जा सकता है।

आगामी खरीफ सीजन की फसलों का बीजोपचार करना

बता दें कि किसानों को अपनी भूमि में आगामी खरीफ फसलों में बीजोपचार जैसे धान, मक्का, मूंग, मूंगफली, उड़द या फिर अरहर की फसल को बुवाई करने के पहले ही 2.5 ग्राम थीरम 75% (Thiram 75%) या फिर इसके अलावा 3 ग्राम कार्बेडाजिम 50 % (Carbedazim 50%) को प्रति किलोग्राम बीज की मात्रा के साथ शोधित करना।

धान की फसल में आने वाले जीवाणु झुलसा को नियंत्रण करने को लेकर 25 ग्राम बीज 4 ग्राम स्ट्रेप्टोसाइक्लिन (Streptocycline) को घोल में डालकर छाया में रख सुखाकर नर्सरी में डालना चाहिए।

वही इसके अलावा फाल्स स्मट रोग को लेकर बीज शोधन के साथ जैविक पेस्टिसाइड 2.5 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर (ब्यूवेरिया बासियाना Beauveria bassiana) या फिर ट्राइकोडर्मा (Trichoderma) को गोबर का सड़ा हुआ खाद के साथ जो कि 65 से लेकर 70 किलोग्राम में अच्छे से मिलाएं और भूमि शोधन करना चाहिए। किसानों को कोई भी तरह का रोग बीमारी या फिर कीट प्रकोप के होने के बाद स्थानीय क्षेत्रीय कर्मचारियों अधिकारियों के साथ संपर्क करने पर समाधान करना चाहिए।

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