Farmer Id Update: किसानों चाहिए सभी योजनाओं का बेनिफिट, फार्मर आईडी के बगैर नहीं मिलेगा फायदा, केंद्रीय कृषि मंत्री की तरफ से निर्देश
हमारे देश में किसानों की इनकम बढ़ोतरी के लिए लगातार केंद्र व राज्य सरकारों की ओर से कई तरह की योजनाओं को आरंभ किया गया है जिसमें से इन योजनाओं के द्वारा पात्र किसानों को फायदा मिल सके इसको लेकर सरकार समय-समय पर बदलाव किया जा रहा है। इसी कड़ी में विशेष पहचान पत्र यानी फार्मर आईडी को भी मौजूदा समय में बनाया जा रहा है।
Farmer Id Update
देश के कई राज्यों में फार्मर आईडी को बनाया जा रहा है। इसी तरह देश के केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान की ओर से बीते 18 मई को महाराष्ट्र राज्य के नागपुर में कृषि एवं ग्रामीण विकास महाराष्ट्र की समीक्षा बैठक किया गया जिसमें सभी किसानों के फार्मर आईडी को उपलब्ध करवाया जाने के विशेष उपाय करने को निर्देश दिया गया। ताकि आने वाले भविष्य में फार्मर आईडी के बिना किसी भी योजना का फायदा नहीं मिल पाएगा
प्राप्त जानकारी के मुताबिक केंद्रीय कृषि मंत्री की ओर से कृषि विभाग को भी देश के अलग-अलग भागों में जहां भी मौसम के अनुकूल फसल की किस्म तैयार करने को लेकर भी निर्देश दिया गया। इस दौरान उनकी ओर से बताया गया की मौसम में परिवर्तन के मुताबिक और वर्षा के आधार पर फसलों का विशेष कर राज्य में कपास की किस्म को विकसित करने की जरूरत है। राज्य के क्षेत्र जहां पर बारिश कम होता है और उत्पादन अधिक देने वाली किस्म को तैयार किया जाए इसके अलावा राज्य में बेस्ट क्रॉपिंग मॉडल को विकसित करने को लेकर भी कृषि मंत्री की ओर से निर्देश दिया गया
कपास की फसल में गुलाबी सुंडी को लेकर आरंभ किया स्मार्ट ट्रैप
कृषि मंत्री की ओर से विकसित कृषि संकल्प अभियान की माध्यम से कपास कपास की फसल में लगने वाला किट गुलाबी सुंडी (पिंक बॉलवर्म) के प्रबंधन को लेकर एक कार्यक्रम आयोजित किया जिसमें AI आधारित स्मार्ट ट्रैप तकनीक को भी आरंभ किया है।
आरंभ की गई इस तकनीक के माध्यम से किसानों को कपास की फसल में गुलाबी सुंडी के प्रकोप को लेकर अलर्ट भेजा जाएगा।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक महाराष्ट्र के कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे की ओर से इस मौके पर कहा कि कपास की फसल की तुड़ाई में अभी भी मजदूर प्राप्त करने में कठिनाई हो रहा है। जिसको लेकर छोटे ट्रैक्टर जो की बैटरी से चलने वाले हैं। उनके लिए अनुसंधान व विकास हो रहा है। और ये अनुसंधान सफल होता है तो कृषि मंत्रालय को पेश किया जाएगा।
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