हरियाणा प्रदेश सरकार की ओर से स्थायी कृषि के लिए 1 महत्वपूर्ण व प्रगतिशील कदम उठाया है। जिसमें प्रदेश सरकार ने पूरे राज्य में प्राकृतिक खेती में बढ़ोत्तरी को लेकर कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के स्वामित्व वाली कृषि भूमि के प्रयोग करने को लेकर निर्णय किया गया है।
Haryana Farmers News
हरियाणा प्रदेश में राज्य सरकार के अनुसार इस पहल से पर्यावरण अनुकूल व केमिकल फ्री कृषि के साथ साथ कम खर्च की कृषि की बढ़ोतरी को ध्यान में रखते हुए लिया गया फैसला हैं। जिसकी वजह से किसानों की आय में बढ़ोतरी व भूमि के स्वास्थ्य में सुधार भी होगा।
प्राकृतिक खेती करने का तरीका क्या होगा
हरियाणा प्रदेश में खेती बड़े पैमाने पर किया जाता रहा है। लेकिन इसके विपरीत प्राकृतिक खेती के तौर पर बहुत कम क्षेत्र में किया जाता है। बता दें कि प्राकृतिक खेती के रूप में खेती करना एक ऐसी परंपरा होती हैं जिनमें रासायनिक उर्वरकों, कीटनाशक व कृत्रिम सिंचाई से नहीं बल्कि प्राकृतिक संसाधनों के साथ किया जाता है।
इस खेती को करने का उद्देश्य मिट्टी, पानी व पर्यावरण को नुकसान न पहुंचाने के साथ एक टिकाऊ खेती और बिना स्वास्थवर्धक खेती के तरीके से किया जाता है। जिसमें न तो रासायनिक उर्वरकों, कीटनाशक का इस्तेमाल बिल्कुल नहीं होता है।
जिसमें इनके स्थान पर जैविक खाद का उपयोग किया जाता है जिसमें बीजामृत, जीवामृत, व घनजीवामृत का उपयोग शामिल होता है। वहीं इसके अलावा कई प्रकार की फसलों को एक साथ बुवाई किया जाता है। जिसकी वजह से कीट व रोग का प्रकोप कम होता है।
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53 एकड़ भूमि पर लागू किया जाएगा पायलट प्रोजेक्ट
हरियाणा प्रदेश के कैथल जिले के पुंडरी विधानसभा क्षेत्र में गांव जठेरी में एक पायलट प्रोजेक्ट के रूप में आरंभ किया जाएगा। जहां पर कृषि व किसान कल्याण विभाग प्राकृतिक खेती करने में 53 एकड़ 4 कनाल व 19 मरला भूमि पर किया जाएगा।
इस भूमि पर अभी तक पट्टेदारों को पट्टे पर दिया जाता है। वहीं अब इसका प्रयोग केवल प्राकृतिक खेती करने के लिए किया जाएगा। हरियाणा प्रदेश के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के द्वारा यह निर्णय बीते शुक्रवार को अपनी ओर से मंजूरी दिया गया है।
जिस पर उनकी ओर से बताया गया है कि प्रदेश सरकार पर्यावरण के नजरिए से स्वस्थ व आर्थिक तौर पर व्यवहारिक प्रथाओं का बढ़ावा देना चाहती है। जिसकी वजह से किसानों को सशक्त बनाने के साथ-साथ लंबे समय तक कृषि समृद्धि सुनिश्चित हो सके।
सरकार के द्वारा दिया जाएगा ट्रेनिंग
बताया जा रहा है कि मौजूदा पट्टेदार को आरंभ की गई इस पहल के माध्यम से प्राकृतिक खेती को बढ़ाने में महत्वपूर्ण योजना के लाभार्थी बनने के पात्र होंगे। उनको प्राकृतिक खेती के तौर पर सभी तकनीक से प्रोत्साहित करने के अलावा समर्थन भी मिलेगा। राज्य सरकार आवश्यक गाइडेंस, ट्रेनिंग व मदद किया जाएगा। प्रदेश में आरंभ होने वाले इस इस पायलट परियोजना के सफल होने के पश्चात धीरे धीरे योजना में बढ़ोतरी किया जाएगा।
राज्य सरकार की ओर से इस योजना को पूरे प्रदेश में लागू करने का है। हरियाणा सरकार के मुताबिक प्रदेश को देशभर में प्राकृतिक खेती सहित कृषि प्रथाओं में एक अग्रणी प्रदेश बनाने का है।
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