Cotton Farming Advice: कपास की खेती में मिलेगा अधिक उत्पादन, किसानों को कृषि विश्वविद्यालय की जरूरी सलाह

Cotton Farming Advice: कपास की खेती में मिलेगा अधिक उत्पादन, किसानों को कृषि विश्वविद्यालय की जरूरी सलाह

रबी सीजन की फसलों की कटाई का कार्य पूरा होने के बाद अब किसान खरीफ में बोई जाने वाली फसल की तैयारी शुरू हो चुका है। देश में कृषि विभाग व कृषि विश्वविद्यालय की ओर से किसानों को कम खर्चे में अधिक और गुणवत्तापूर्ण उत्पादन प्राप्त हो सके इसके लिए समय-समय पर किसानों को जरूरी सलाह जारी किया जाता है।l

किसानों के लिए Cotton Farming Advice

इसी प्रकार से अब इस खरीफ सीजन के दौरान कपास की खेती करने के इच्छा रखने वाले किसानों को चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार की ओर से शुरुआती सलाह जारी किया गया। बता दे की कृषि विश्वविद्यालय की ओर से कपास की बिजाई के समय को ध्यान में रखते हुए किसानों को कुछ सुझाव व सावधानियां को बरतना आवश्यक है जिसके चलते किसान कम लागत में कपास का अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं।

कपास की खेती को लेकर जरूरी सलाह

  • 1). कृषि विश्वविद्यालय की ओर कहे मुताबिक किसानों को रेतीली भूमि में देशी कपास की बिजाई का काम अप्रैल महीना के पहले पखवाड़े में किए जाने का कहा गया है।
  • 2). वहीं जो भी किसान अप्रैल महीने के पहले पखवाड़े में बीटी कपास का बिजाई करने वाले हैं वो 2 कतार मूंग व 2 कतार कपास लगाया जा सकता है।
  • 3). किसान रेतीले क्षेत्रों में BT कपास की बुवाई को टपका (ड्रिप) विधि के जरिए किया जा सकता है।
  • 4). वे स्थान जहां पर पानी खराब होने के चलते कपास जमाव में समस्या रहती है वहां पर किसान कपास का बिजाई बेड बनाकर किया जाए।
  • 5). जो किसान बीटी कपास की बुवाई करने वाले हैं उनको विश्वविद्यालय की ओर से सिफारिश किया गया बीच को ही लेना चाहिए। किसान इसकी जानकारी प्राप्त करने के लिए कृषि विभाग या फिर कृषि विज्ञान केंद्र से संपर्क किया जा सकता है। वहीं इसके अलावा किसान विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर बीजों की जानकारी को देखा जा सकता है। किसान BT कपास के बीज को प्रमाणित संस्था या अधिकृत विक्रेता से ही प्राप्त करने के साथ-साथ पक्का बिल अवश्य प्राप्त करें।
  • 6). किसानों को अपनी भूमि की मिट्टी का जांच जरूर करवाना चाहिए। ताकि किसान मिट्टी जांच के अनुसार पोषक तत्व यानी खाद उर्वरक की मात्रा का सही से पता लगाया जा सकता है

कपास की खेती को लेकर जरूरी सावधानियाँ

  1. किसान को पिछली साल की नरमा की लकड़ियों को अपने खेत में या फिर इसके आसपास रखी गई है तो उनके टिंडे व पत्ती को हटाकर अलग करें और एकत्रित कर कचरे को नष्ट करना चाहिए। क्योंकि पिछले साल की लड़कियों में गुलाबी सुंडी रहता है ऐसे में किसान मार्च महीने के लास्ट तक इस काम अवश्य कर लेना चाहिए।
  2. किसानों की जानकारी के लिए बता दें कि बीटी (BT) कॉटन में अभी तक गुलाबी सुंडी के प्रतिरोधक बीज उपलब्ध नहीं हुआ है। ऐसे में किसानों को किसी भी 3G, 4G और 5G के नाम से प्राप्त होने वाले बीज से बचना चाहिए।
  3. वे किसान जिनके द्वारा अपने खेत में बीटी नरमा की लकड़ी को इकट्ठा करके रखा गया है या फिर उनके खेत के नजदीक में कपास की जिनिंग व बिनोला से तेल निकालने वाला मिल लगा है। उन किसानों को अपने खेत में मुख्य रूप से ध्यान देने की आवश्यकता क्योंकि उन किसानों के खेतों पर गुलाबी सुंडी प्रकोप भी ज्यादा रहता है।
  4. किसानों के लिए विश्वविद्यालय की ओर से कपास की खेती को लेकर प्रत्येक 15 दिन में वैज्ञानिक सलाह जारी किया जाता है। ऐसे में किसानों को उनके मुताबिक सभी कार्य व कीटनाशकों का उपयोग किया जाना चाहिए।

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