Heavy Subsidy on Mulching: किसानों को अब खेती में पानी के साथ बचेगा पैसा, राज्य सरकार का मल्चिंग लगाने पर भारी सब्सिडी का लाभ
अब देश में किसानों को अपनी भूमि में खेती या किसानी को करना कई तरह के काम आसानी से हो पा रहे हैं। ऐसे में किसानों को अधिक मेहनत व संसाधनों के बचत को लेकर कृषि के कार्य में नए नए तकनीकों का उपयोग हो रहा है। इन सब नए तकनीक में शामिल हैं मल्चिंग तकनीक जिसके चलते किसानों को अपनी बागवानी फसलों में ज्यादा अच्छा उपज मिल रहा है।
Heavy Subsidy on Mulching 2025
इसके साथ साथ किसानों को पानी की कमी वाले राज्यों में ये तकनीक अच्छी साबित हो रही है। अब इसी कड़ी में बिहार राज्य सरकार की तरफ से बागवानी फसलों के बढ़ावे व किसानों को इस खेती में ज्यादा सुविधा को लेकर बंपर सब्सिडी दिया जा रहा है।
ऐसे में अधिक योजना का फायदा उठाने के लिए किसानों को आवेदन कर सकते हैं। आइए जानते हैं पूरी डिटेल…
कितना सब्सिडी मिल रहा है
बता दें कि बिहार कृषि विभाग की तरफ से किया गया ट्वीट के अनुसार किसानों को मल्चिंग तकनीक पर बिहार राज्य सरकार 50% का सब्सिडी मिलेगा। इसके माध्यम से किसानों को 50% राशि मल्चिंग तकनीक आधारित इकाई लागत का मिलेगा। मिलने वाली राशि किसानों को बैंक खातों में सीधा ट्रांसफर हो जाएगा। जिसके कारण किसानों को अपनी खेती करने में और अधिक आसानी होगा। इसके अलावा प्रदेश में बागवानी फसलों की खेती में बढ़ोतरी होगी।
कौन से तरीके से लगाएं मल्चिंग
किसान अपने खेतों में बेड को बनाने के बाद प्लास्टिक मल्चिंग को बिछाए। जिसके लिए सुबह या फिर शाम का समय अच्छा रहेगा।
किसानों को हमेशा सही व अच्छे क्वालिटी के प्लास्टिक मल्चिंग का उपयोग करें। ऐसे में प्लास्टिक के नैनो कण मिट्टी में ना मिले व मिट्टी प्रदूषण की रोकथाम हो सके।
किसानों को प्लास्टिक मल्चिंग में हमेशा छेद के मुताबिक ड्रिप सिंचाई का पाइप में छेद करना चाहिए। जिस कारण से पानी के बर्बादी को ना किया जाए। इसके अलावा किसानों को अपनी फसल के पौधों की जड़ों में बूंद बूंद पानी मिल पाए।
खेत में पलास्टिक मल्चिंग को फटने या उड़ने से बचने के लिए उसे पर उसे पर चारों तरफ से मिट्टी चढ़ा दें इस तकनीक का प्रयोग करने पर बागवानी फसलों में कट रोगों का खतरा भी काम रहता है
प्लास्टिक मल्चिंग को खतरे से बचाव के लिए या फिर उन्हें उड़ने से बचाव के लिए उसके चारों ओर अच्छी तरीके से मिट्टी लगा दे इस तकनीक का प्रयोग करने से बागवानी फसलों को कीटों से सुरक्षा मिलती है। और सभी प्रकार के रोगों से छुटकारा मिलता है यह किट और रोगों से छुटकारा पाने की अच्छी तकनीक है।
किसान को मल्चिंग तकनीक के बेनिफिट
1). फसल के पौधों के जड़ों को विकास सही और सुचारू होना।
2). मल्चिंग तकनीक की सहायता से खरपतवार की रोकथाम में मदद मिलेगी।
3). इस तकनीक के साथ जमीन में पर्याप्त रूप से नमी बना रहता है।
4). मल्चिंग तकनीक मदद से तापमान नियंत्रण होगा।
5). इस तकनीक के इस्तेमाल की सहायता से मिट्टी के होने वाले कटाव को रोकने में मदद मिलेगी।
किस तरह से किसान को मिलेगा फायदा
- योजना में किसानों को फायदा लेने के लिए सर्व प्रथम आधिकारिक वेबसाइट horticulture.bihar.gov.in को ओपन करें।
- जिसके बाद वेबसाइट के होम पेज के ऊपर योजना के ऑप्शन का चुनाव करना है।
- इसके बाद आपको मल्चिंग तकनीक योजन के ऊपर दबाना होगा।
- इसके बाद मल्चिंग पर सब्सिडी को लेकर अप्लाई कर सकते हैं।
- जिसके बाद रजिस्ट्रेशन फॉर्म अब आपके सामने खुल जाएगा।
- जहां पर मांगी गई पूरी जानकारी को अच्छे से ओर ध्यान से भर दें।
- किसानों के द्वारा डाला गया सभी जानकारी को डालने पर एप्लीकेशन जमा हो जाएगा।
योजना में पूरा जानकारी कहां पर जानें
बता दें कि जो भी किसान बिहार राज्य से है। उनको मल्चिंग तकनीक आधारित खेती करने के इच्छुक हैं तो फिर राज्य सरकार के द्वारा सब्सिडी दिया जाएगा। जिसके लिए किसानों को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराया जा सकता है। ऐसे में किसान सब्सिडी के लाभ प्राप्ति को लेकर सरकार ने आधिकारिक वेबसाइट ऊपर दिए गए लिंक पर जा सकते हैं। या फिर इसके अलावा किसानों को ज्यादा जानकारी प्राप्त करने हेतु अपने जिला में कृषक या बागवानी विभाग में कार्यालय पर जाकर संपर्क किया जा सकता है।
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